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भोपाल में चार दिवसीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2022 का समापन

भारत में कृषि क्षेत्र सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका देखी जा सकती है

भारत को विश्व की अग्रणी वैज्ञानिक और तकनीकी शक्तियों में से एक बनाने के आह्वान के साथ भोपाल में चार दिवसीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2022 का समापन हुआ। भोपाल में आईआईएसएफ में समापन भाषण देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा और नवीनता की शक्ति भारत को विश्व में नंबर एक देश बनाएगी। उन्होंने कहा, भारत एक युवा शक्ति से सराबोर देश है जो कुछ बड़ा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत की 52 प्रतिशत आबादी अभी युवा है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिसे अमृत काल कहा है, उसमें बड़ी छलांग लगाने का ये सही समय है। तोमर ने कहा, भारत में कृषि क्षेत्र सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, किसान अब कृषि उत्पादन में और फसल कटाई के बाद के कार्यों के लिए भी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कृषि क्षेत्र में ड्रोन एप्लिकेशन लोकप्रिय हो रहे हैं और नए प्रयोग होंगे। मोदी सरकार एसटीआई इकोसिस्‍टम पर विशेष ध्यान दे रही है और वैज्ञानिक प्रयासों में विशेष तौर पर दिलचस्‍पी ले रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का बजट 2,000 करोड़ रुपये था, जिसे अब तीन गुना बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

तोमर ने विश्वास व्यक्त किया कि बेहतर अनुसंधान एवं विकास और नवाचारों के साथ भारत उत्पादन में वृद्धि और बेहतर पैदावार के साथ दुनिया में एक अग्रणी कृषि देश के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत न केवल खाद्य सुरक्षा के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि कई अन्य देशों की जरूरतों और मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा।

मध्य प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि भारत में डीप टेक स्टार्टअप बहुत तेजी से उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप फसलों की बुवाई और कटाई के लिए रोबोट के उपयोग का प्रदर्शन कर रहे हैं और यह दर्शाता है कि कृषि क्षेत्र में किस तरह की क्रांति आने वाली है। सखलेचा ने कहा कि आईआईएसएफ पूरी तरह सफल रहा है, क्‍योंकि भोपाल के प्रत्येक जिले से छात्रों और युवाओं ने इसमें भाग लिया है और अब वे कुछ बड़ा कर दिखाने के लिए जिज्ञासा और नए जोश से भर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेगा स्टार्ट-अप एक्सपो के अलावा, 1500 युवा वैज्ञानिकों ने जैव प्रौद्योगिकी सहित सभी क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकी पर विचार-मंथन किया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव  एस चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि हम अगली बार बेहतर एजेंडे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान की कोई सीमा नहीं है और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव तेजी से वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के एक मंच के रूप में उभर रहा है। चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, जहां हम दुनिया के सामने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बल्कि हर क्षेत्र में भारत की शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने विज्ञान मेले में उपस्थित जनसमूह को बताया कि हम अमृत काल में अग्रणी योगदान करने के लिए भविष्य की पीढ़ी को दृष्टिकोण और रास्ता दिखाने के लिए विज्ञान का उत्सव मना रहे हैं। विज्ञान भारती के महासचिव डॉ. सुधीर भदौरिया ने कहा कि देश और पूरी मानवता के लाभ के लिए विज्ञान भारती आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सोच को बढ़ावा देने के लिए भारत में विज्ञान मंत्रालयों, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विज्ञान विभाग के साथ काम कर रहा है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के दौरान भोपाल में चार दिवसीय विज्ञान महोत्सव के 15 महत्वपूर्ण आयोजनों में विद्यार्थी विज्ञान ग्राम जैसे कार्यक्रम में विचार-विमर्श किया गया। इसमें 2500 विद्यार्थी भाग लेते हैं और नई तकनीकों और नवाचारों की जानकारी प्राप्त करते हैं। साभार पीआईबी

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