अच्छे इंस्टीट्यूट्स भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और पेरेंट्स के भरोसे को जीतने के लिए भरसक प्रयास करते हैं
देवास : वर्तमान समय में बच्चों की अच्छी पढ़ाई को लेकर पेरेंट्स में चिंता का स्तर बढ़ता जा रहा है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि पेरेंट्स ऐसे इंस्टीट्यूट्स की गहनता से तलाश में रहते हैं, जहाँ वे न सिर्फ इंस्टीट्यूट्स पर भरोसा कर सकें, बल्कि बच्चों के भविष्य को लेकर भी निश्चिन्त रहें। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में पेरेंट्स का भरोसा जीतना जहाँ एक तरफ काफी मुश्किल है, वहीं दूसरी तरफ अटूट विश्वास की परिभाषा बन उभरा है, देवास स्थित सरदाना इंटरनेशनल स्कूल, जहाँ पेरेंट्स को सिर्फ ज्ञान अर्जित करने के लिए ही नहीं, बल्कि हर स्थिति में ढलने और अनुशासन से भरपूर जीवन जीने की प्रेरणा देने के लिए स्कूल भेजते हैं। ललित सरदाना सर जो स्वयं आईआईटी में ऑल इंडिया 243 वीं रैंक लगा चुके हैं व पिछले 26 सालों से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स तीनों विषय पढ़ाते हैं और डॉक्टर श्वेता सरदाना मैडम बालाजी पढ़ाती है।
इनके विद्यार्थियों का सिलेक्शन अनुपात संपूर्ण भारत में सर्वाधिक है। ललित सरदाना, अध्यापक और संचालक, द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल, कहते हैं, बच्चों की पढ़ाई को लेकर पेरेंट्स की चिंता जायज है, लेकिन यह चिंता एक तरफा नहीं है। अच्छे इंस्टीट्यूट्स भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और पेरेंट्स के भरोसे को जीतने के लिए भरसक प्रयास करते हैं।
इंस्टीट्यूट्स की जिम्मेदारी है कि इससे जुड़े हर एक बच्चे को उसके स्तर के अनुरूप पढ़ाए और न समझ आने पर एक से अधिक बार भी संबंधित पाठ पढ़ाने में संकोच न करे। इससे न सिर्फ बच्चे का मनोबल बढ़ता है, बल्कि उसमें अधिक से अधिक जानने की जिज्ञासा भी बढ़ती है। सरदाना के अध्यापकों को इस प्रक्रिया का गहनता से पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि बच्चे खुद को अध्यापकों के करीब पा सकें।
वे आगे कहते हैं, अक्सर देखने में आता है कि इंस्टीट्यूट्स भारी मात्रा में बच्चों की भर्ती कर लेते हैं। लेकिन वे यह नहीं समझते कि हर बच्चे का पढ़ने और समझने का स्तर अलग-अलग होता है। द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल में हम बच्चों के भविष्य को सँवारने में विश्वास रखते हैं। सरदाना के समर्पित अध्यापक प्रतिभाशाली और कमजोर सहित हर एक बच्चे पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। यह कक्षाओं में कम संख्या में बच्चों की भर्ती का ही परिणाम है कि सरदाना इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाला हर एक बच्चा पढ़ाई के लिए समर्पित है।
छात्रों के लिए एक और फायदा यह है कि स्कूल और कोचिंग एक ही परिसर में हैं। प्रतियोगी और बोर्ड दोनों तरह की परीक्षाओं के लिए उपयुक्त इस स्कूल में सीमित संख्या में छात्रों की भर्ती की जाती है, और तो और सेल्फ स्टडीज भी शिक्षकों के ही सामने करने की अनुमति है। मोबाइल, टीवी प्रतिबंधित इस स्कूल में मनोरंजन के कई साधन हैं, जिसमें स्पोर्ट्स, म्यूजिक, डांस, योग, मेडिटेशन और मोटिवेशनल सेमिनार शामिल हैं। इस तरह की ढेरों गतिविधियों से सरदाना स्कूल परिपूर्ण है, जो न सिर्फ देश के विभिन्न कोनों के छात्रों को यहां आकर शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि उन्हें अच्छे अंक हासिल करने में भी सहायता करता है। मुस्कान सिंह