जी-20 शिखर सम्मलेन का विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है और ‘कृषि व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी’ बढ़ाने के उद्देश्य
कृषि मंत्रालय भारत सरकार और ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया फाउंडेशन (टीआरआईएफ) के सहयोग से किसान उत्पादक कंपनियों के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर और सीईओ का प्रशिक्षण संपन्न किया गया। इस बार के जी-20 शिखर सम्मलेन का विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है और ‘कृषि व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी’ बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के 8 जिलों की 22 महिला किसान उत्पादक कंपनियों की बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर और सीईओ का 2 दिवसीय प्रशिक्षण मांडू स्थित सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बिज़नेस प्लानिंग का प्रशिक्षण दिया गया। उल्लेखनीय है कि म०प्र० ग्रामीण आजीविका मिशन, ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया फाउंडेशन (टीआरआईएफ), नेशनल एसोसिएशन फॉर फार्मर प्रोडूसर आर्गेनाईजेशन (एनएएफपीओ) और समुन्नति संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश में पूर्ण रुप से महिला सदस्यों वाली किसान उत्पादक कंपनीयों के माध्यम से महिला किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे कि उनकी आर्थिक उन्नति संभव हो सके।
विदित हो कि भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है जिसमें भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ थीम के तहत “वन अर्थ – वन फेमिली – वन फ्यूचर” को अपना स्लोगन बनाया है। भारत के इस जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता काल के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहें हैं। आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार कृषि मंत्रालय के संयुक्त निदेशक एस. आर. इंगले, राज्य कृषि विभाग के उपसंचालक ज्ञान सिंह मोहनिया, आत्मा परियोजना के कैलाश मगर, म०प्र० ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती अर्पणा पांडे उपस्थित थी।
टीआरआईएफ के संदीप सक्सेना ने बताया कि केंद्र सरकार ने 10000 एफपीओ गठन का लक्ष्य रखा है जिसके अंतर्गत महिला स्वामित्व वाली महिला किसान उत्पादक कंपनियों का गठन किया जाएगा। म०प्र० ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला संगठनों के माध्यम से आजीविका सशक्त करने का प्रयास कर रहा है। इंगले ने बताया कि जी-20 समूह में 19 देश और यूरोपियन यूनियन सम्मिलित हैं, जिसे वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और पर्यावरण सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए गठित किया गया है। इस वर्ष भारत को अध्यक्षता करने का मौका मिला है जो कि गर्व की बात है और साथ ही यह जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी वसुधैव कुटुम्बकम की परंपरा से विश्व को अवगत कराएँ। कार्यक्रम में महिला कृषि उद्यमियों ने भी अपनी सफलता की कहानियां बताई।