भारतीय रेल ने रेलवे विद्युतीकरण के मामले में कल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। उत्तर पूर्व रेलवे के तहत सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के साथ, भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश में सभी बीजी मार्गों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इससे इस क्षेत्र में रेल संपर्क बेहतर होगा और रेलगाड़ियों की गति में बढ़ोतरी होगी।
इस उपलब्धि के साथ, भारतीय रेल ने छह जोनल रेलवे अर्थात् पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे), उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पूर्व रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे में बीजी मार्गों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इसके अलावा, अत्यधिक उपयोग में आने वाला नेटवर्क (एचयूएन -5), झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है। इससे भटनी-वाराणसी-नैनी (इलाहाबाद)-मानिकपुर-सतना-कटनी और छपरा-वाराणसी सहित झांसी-लखनऊ-बाराबंकी-बुढ़वाल, गोंडा-आनंदनगर-गोरखपुर-वाल्मीकिनगर-सुगौली, मुजफ्फरपुर-बछवाड़ा और नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा-समस्तीपुर, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के बीच कनेक्टिविटी में बेहतर होगी।
कुल रूट किलोमीटर (आरकेएम) के 85 प्रतिशत हिस्से के विद्युतीकरण के साथ, भारतीय रेल मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है और यह दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बन गया है।