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सैफ अली खान ने अस्पताल से छुट्टी ली, चाकू हमले के छह दिन बाद घर लौटे

मुंबई: मशहूर अभिनेता सैफ अली खान को छह दिन बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। एक चौंकाने वाली घटना में, उनके बांद्रा स्थित घर में चोरी के प्रयास के दौरान उन पर चाकू से हमला किया गया था। अब सैफ अपने घर लौट चुके हैं, जहां भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। डॉक्टरों ने उन्हें एक सप्ताह तक पूर्ण आराम करने और संक्रमण से बचने के लिए किसी भी आगंतुक से मिलने से मना किया है।

अस्पताल और उनके बांद्रा स्थित घर के बाहर अभिनेता की एक झलक पाने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई है।

इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और मुंबई की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। चोर ने घर में घुसने के बाद अभिनेता पर हमला कर दिया, जिसमें सैफ को छह गंभीर चोटें आईं। हमले में उनकी रीढ़ की हड्डी के पास चाकू सिर्फ 2 मिमी से चूक गया। सर्जरी के जरिए उनकी रीढ़ से लीक हो रहे फ्लूइड को ठीक किया गया और उनके हाथ और गर्दन की चोटों के लिए प्लास्टिक सर्जरी भी की गई।

सैफ के घर पर काम करने वाली एलीयामा फिलिप ने बताया कि घटना रात करीब 2 बजे की है। उन्हें बाथरूम का दरवाजा खुला और लाइट जली हुई दिखाई दी, तो उन्होंने सोचा कि करीना कपूर खान उनके बेटे जेह को देखने गई होंगी। लेकिन उन्हें कुछ गलत होने का अहसास हुआ।

“मैंने देखा कि बाथरूम से एक आदमी बाहर आया और बच्चों के कमरे में घुस गया। जब मैंने जेह को उठाने की कोशिश की, तो उस आदमी ने मुझ पर हमला किया। उसने मुझे धमकी दी और कहा, ‘शोर मत करो, कोई बाहर नहीं जाएगा।’ जब मैंने उससे पूछा कि वह क्या चाहता है, तो उसने एक करोड़ रुपये की मांग की,” एलीयामा ने पुलिस को बताया।

एलीयामा की चीख सुनकर सैफ और करीना अपने कमरे से बाहर आए। सैफ ने हमलावर से बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने चाकू और लकड़ी के डंडे से उन पर हमला कर दिया। किसी तरह सैफ और परिवार के अन्य सदस्य खुद को बचाकर ऊपरी मंजिल पर चले गए। इसके बाद हमलावर वहां से भाग निकला।

मुंबई पुलिस ने इस मामले में शरिफुल इस्लाम शहजाद को गिरफ्तार किया है, जो बांग्लादेश का नागरिक है और अवैध रूप से भारत में रह रहा था। आरोपी ने भारत में खुद को बिजॉय दास के नाम से पहचान दी थी। आज जांच के तहत आरोपी को सैफ के घर ले जाकर पूरे अपराध को रीक्रिएट किया गया।

यह घटना सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने और कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर देती है।

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