Site icon AVK NEWS SERVICES

मलय पवन सुख बाँटता

हृदय विमल रसधार में, घुलते रंग अनेक।
जिनके उर कालिख जमी, चढ़े रंग नहि एक।

जो जन परहित में लगे, तन-मन रहे पवित्र।
फैले जग में यश सदा, ज्यों गुलाब का इत्र।।

वृक्ष खिलायें फूल फल, नदी पिलाती नीर।
मलय पवन सुख बाँटता, हरता सबकी पीर।।

छाँव सदा सुखकर लगे, मिले छाँव में चैन।
छाँव बिना तड़पत रहे, तप्त हृदय बेचैन।।
 
पौधे परम दयालु हैं, सदा करें उपकार।
बिठा छाँव सुख शांति में, करते नित सत्कार।।


प्रमोद दीक्षित मलय 
शिक्षक, बाँदा (उ.प्र.)

Exit mobile version