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अनिद्रा की समस्या को दूर भगाएं आयुर्वेद

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

कहते हैं मेहनत करने के बाद नींद अच्छी आती है, लेकिन बदलती जीवनशैली में भागदौड़ और तनाव भरी दिनचर्या के बाद भी कई बार हमें नींद नहीं आने की शिकायत होती है, फिर भी हम इसकी अनदेखी करते हैं। कई बार नींद न आने की समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि यह हमारी मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकती है। नींद न आने के कारण ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में अगर आप भी नींद से संबंधित ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो ये उपाय जरूर अपनाएं।

अनिद्रा के प्रमुख कारण-

आयुर्वेद के अनुसार वात और पित्त बढ़ जाने से अनिद्रा की स्थिति आती है। वात-पित्त मानसिक तनाव के कारण बढ़ता है। इसके बाद कुंठित भावनाओं का स्थान आता है। तीन हफ्तों तक जारी रहने वाली अनिद्रा को ट्रांजियंट इनसोम्निया कहा जाता है। इसका मुख्य कारण मानसिक संघर्ष, अपरिचित या नया वातावरण, सदमा, प्रियजनों की मृत्यु, तलाक या नौकरी में बदलाव आदि हो सकते हैं। नींद ना आने का सबसे प्रमुख कारण टेंशन होता है। शोर-शराबे वाली जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या, कम शारीरिक व्यायाम व कम मेहनत करना, ज्यादा शराब सेवन करने से भी नींद नहीं आती हैद्य आधुनिक रिसर्च के अनुसार इस तरह की समस्याओं का कारण हमारी बदलती जीवनशैली भी है। हमारे पास ऐसे बहुत से मरीज आते हैं जो कहते हैं कि उन्हें नींद नहीं आती।

अनिद्रा के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

जो इंसान भरपूर नींद लेता है उसका मानसिक विकास भी उतना ही अच्छा होता है। लेकिन आजकल नींद न आने के कारण ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। नींद में उपयोगी कुछ घरेलू नुस्खे निम्र प्रकार हैरू-

१. शंखपुष्पी सिरप 2 चम्मच सुबह-शाम लेने पर रात को नींद आसानी से आ जाती है।

२. अनिद्रा रोग में दूध का सेवन बहुत लाभकारी होता है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में 3 ग्राम अश्वगँधा चूर्ण मिला कर नियमित पीजिए।

३. सर्पगन्धा की जड़ भी बहुत उपयोगी मानी जाती है स इसे 2 ग्राम मात्रा में सोने से घण्टेभर पहले ठण्डे पानी के साथ ले लेना चाहिए।

४. प्याज को भूनकर उसे पीसकर रस निकाल लीजिए और दो बड़े चम्मच रस नियमित पीजिए, इससे नींद न आने की शिकायत दूर हो जाती है।

५. सोंफ, मिश्री एवं दूध का ठण्डा शर्बत पीने से अथवा भैंस का दूध पीकर सोने से नींद अच्छी आती है।

200 मि.ली दूध में 1 से 5 ग्राम पीपरामूल मिलाकर पीने से नींद आ जाती है।

जप करते-करते, सत्शास्त्र पढ़ते-पढ़ते अथवा ध्यान की कैसेट सुनते-सुनते सोने से नींद अच्छी आती है।

सावधानियां

यही मात्रा मानसिक उत्तेजना व उन्माद को शान्त करने के लिए सेवन योग्य है। इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए और बहुत कमजोर शरीर वाले व्यक्ति को भी इसका सेवन किसी वैद्य से परामर्श करके ही करना चाहिए। अच्छी नींद के लिए रोज सोने से पहले हाथ-पैर साफ करें और फिर अपने तलवों की मसाज करें। इससे शरीर का रक्त प्रवाह सही रहता है और थकान दूर होती है। सुबह जल्दी उठकर किसी पार्क में घुमने जाएं, योगा करें। सुबह की धूप के नियमित सेवन से मिलैटोनिन नामक हारमोन के निर्माण में वृद्धि होती है, जो गहरी नींद में सहायक होता है। अनुलोम-विलोम एवं कपाल भार्ती प्राणायाम से नींद की समस्या काफी हद तक समाधान हो जाती है।

ध्यान देने योग्य बातें-

सोने का समय तय कर लें

भले ही आपका रुटीन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, लेकिन अच्छी नींद आए इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने सोने का एक समय तय करें। इससे आपके शरीर के सोने और उठने का चक्र संतुलित हो जाता है। शुरुआत में भले ही आपको थोड़ी दिक्कत होगी लेकिन नियमित रूप से एक निर्धारित समय पर अगर आप सोने की कोशिश करेंगे तो यह आपकी दिनचर्या में शामिल हो जाएगा।

आस-पास की जगह साफ-सुथरी रखें

अच्छी नींद और सुकून के बीच बहुत गहरा संबंध है। अगर आपके सोने का कमरा स्वच्छ होगा तो मन शांत रहेगा और नींद आसानी से आएगी। गहरी नींद के लिए आप बेडरूम में हल्का इंस्ट्रयूमेंटल म्यूजिक भी चला सकते हैं, जिससे मानसिक शांति मिलेगी और नींद जल्दी आएगी।

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