केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मिज़ोरम की राजधानी आइज़ॉल में 2415 करोड़ रूपए के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण एवं उद्घाटन किया। इस अवसर पर मिज़ोरम के मुख्यमंत्री श्री ज़ोरामथांगा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज मिज़ोरम के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज यहां असम राइफल्स के नए बटालियन मुख्यालय का उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस भूमि को राज्य के विकास के लिए मिज़ोरम सरकार को सौंपने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और मिज़ोरम सरकार के बीच हुए एमओयू से यहां विकास के रास्ते खुलेंगे। शाह ने कहा कि लालडेंगा लाम्मुआल केन्द्र का भी आज यहां शिलान्यास हुआ है जिससे इस क्षेत्र को एक बहुत अच्छा सांस्कृतिक केन्द्र मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मिज़ोरम सरकार राज्य की जनता की सेवा के प्रति कटिबद्ध हैं और इसी दिशा में आज यहां लगभग 2500 करोड़ रूपए की अलग-अलग 11 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज मिज़ोरम के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज यहां असम राइफल्स के नए बटालियन मुख्यालय का उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस भूमि को राज्य के विकास के लिए मिज़ोरम सरकार को सौंपने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और मिज़ोरम सरकार के बीच हुए एमओयू से यहां विकास के रास्ते खुलेंगे। शाह ने कहा कि लालडेंगा लाम्मुआल केन्द्र का भी आज यहां शिलान्यास हुआ है जिससे इस क्षेत्र को एक बहुत अच्छा सांस्कृतिक केन्द्र मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मिज़ोरम सरकार राज्य की जनता की सेवा के प्रति कटिबद्ध हैं और इसी दिशा में आज यहां लगभग 2500 करोड़ रूपए की अलग-अलग 11 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज पूरा नॉर्थईस्ट शांति, स्थिरता और विकास के नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय में नॉर्थईस्ट में उग्रवादी समूहों द्वारा हिंसा फैलायी जा रही थी, रेल, सड़क और हवाई संपर्क की कमी थी और विकास का नामोनिशान नहीं था, लेकिन पिछले 9 सालों में मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार के प्रयासों और नॉर्थईस्ट की जनता के सहयोग से पूर्वोत्तर में शांति आई है, कनेक्टिविटी बढ़ी है और भारत के अन्य हिस्सों जितना ही विकास हुआ है। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पूरे पूर्वोत्तर को विवादमुक्त, उग्रवादमुक्त और शांति से युक्त बनाने के प्रयास कर रही है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 की तुलना में 2021 में नॉर्थईस्ट में हिंसक घटनाओं में 67 प्रतिशत, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 83 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक पूरे नॉर्थईस्ट में लगभग 8000 उग्रवादी संगठनों के कैडर्स आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2019 में NLFT के साथ त्रिपुरा में समझौता किया, 2020 में ब्रू समझौता करके लगभग 37,000 लोगों का त्रिपुरा में पुनर्वास किया, 2021 में बोड़ो समझौता करके असम में शांति की स्थापना की और 2022 में कार्बी-आंगलोंग समजौता करके ऊपरी असम में भी शांति स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। शाह ने कहा कि AFSPA की परिधि वाले क्षेत्रों में पिछले 9 सालों में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नॉर्थईस्ट के विकास के लिए कटिबद्ध हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने 53 बार नॉर्थईस्ट का दौरा किया है और ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार भारत सरकार के अलग-अलग मंत्री 432 बार नॉर्थईस्ट का दौरा कर चुके हैं। श्री शाह ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने पीएम-डिवाइन के साथ नॉर्थईस्ट के बजट में 276 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में 2025 से पहले 1 लाख 76 हज़ार करोड़ रूपए की लागत से पूर्वोत्तर के आठों राज्यों की राजधानियों के बीच रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी हो जाएगी। श्री शाह ने कहा कि मिज़ोरम में विकास की अपार संभावनाएं हैं और पिछले दशक में, विशेषकर ज़ोरामथांगा जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, मिज़ोरम की अर्थव्यवस्था सुधरी है और पिछले एक दशक में यहां का जीडीपी 12.15 प्रतिशत की औसत से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कालादान मल्टीमॉडल ट्रांज़िट ट्रांस्पोर्ट प्रोजेक्ट मिज़ोरम और म्यामांर को जोड़ेगा और ये मिज़ोरम में व्यापार की अपार संभावनाओं के द्वार खोलेगा। उन्होंने कहा कि मिज़ोरम में पर्यटन, बांस की खेती और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मौजूद अपार संभावनाओं को एक्सप्लोर करने में भारत सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। साभार : पीआईबी