वॉकथॉन हो, योग हो अथवा अन्य व्यायाम, हमारे युवा उत्साहपूर्वक इन शारीरिक गतिविधियों को अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं: डॉ. भारती प्रवीण पवार
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में वॉकथॉन कार्यक्रम का आयोजन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार के साथ वॉकथॉन का नेतृत्व किया। कार्यक्रम का आयोजन ‘हेल्थ फॉर ऑल’ के विषय के अंतर्गत्य.. किया गया था। वॉकथॉन का उद्देश्य न केवल गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को दूर रखने के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के लिए स्वस्थ आदतों के प्रति जागरूकता जगाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ विजय चौक से हुआ और फिर इस वॉकथॉन का कर्तव्य पथ से इंडिया गेट होते हुए निर्माण भवन पर समापन हुआ। बेहतर स्वास्थ्य के लिए 350 से अधिक प्रतिभागियों ने वॉकथॉन में उत्साहपूर्वक भागीदारी की। प्रतिभागियों ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मानसिक बीमारी और कैंसर जैसी जीवन शैली से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं/बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ और सक्रिय जीवन अपनाने का संकल्प भी लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने एक ट्वीट में स्वस्थ भारत के लिए माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराया। इस अवसर पर अपने संबोधन में, डॉ. मनसुख मांडविया ने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत के दर्शन “वसुधैव कुटुम्बकम” का प्रतीक है जहां हम न कि केवल स्वयं की बल्कि सभी की प्रगति के बारे में सोचते हैं। यह भाव कोविड संकट के दौरान देखा गया था, जब भारत ने किसी व्यावसायिक लाभ पर विचार किए बिना जरूरतमंद देशों को टीके और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की थी। भारत प्रत्येक हितधारक की सहायता करने में अग्रणी रहा है और इसी भावना के साथ भारत अपने नागरिकों और विश्व के स्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहा है।
देश के विकास में स्वास्थ्य के महत्व का उल्लेख करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा है। केवल स्वस्थ नागरिक ही एक स्वस्थ समाज और एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में सभी से एक विकसित और स्वस्थ भारत बनाने के लिए मिलकर कार्य करने का आग्रह किया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि चाहे वॉकथॉन हो, योग हो अथवा अन्य व्यायाम, हमारे युवा उत्साहपूर्वक इन शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनचर्या में शामिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “सभी के लिए स्वास्थ्य” की अवधारणा इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि एक स्वस्थ व्यक्ति न केवल अपने परिवार बल्कि समाज के लिए भी सकारात्मक योगदान देता है। उन्होंने कहा कि देश ने माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक फिट भारत के लिए एक मजबूत संकल्प लिया है, जहां व्यवहार परिवर्तन और अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता को बढ़ावा देना है। “ग्रीन एमपी” के रूप विख्यात केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जिन्हें उत्साहपूर्वक साइकिल चलाने के लिए भी जाना जाता है, ने समय-समय पर इस संदेश को दोहराते हुए नागरिकों को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए हमेशा प्रोत्साहन दिया है।
गौरतलब है कि एनसीडी को वर्तमान में देश में होने वाली मृत्यु में से 63 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार माना जाता है और यह तंबाकू के उपयोग (धूम्रपान और धूम्रपान रहित), शराब के उपयोग, खराब आहार की आदतों, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियों और वायु प्रदूषण जैसे प्रमुख व्यवहारजन्य जोखिम कारकों से दृढ़ता से जुड़ा हुआ है। एनसीडी के बढ़ने में शामिल प्रमुख जोखिम कारकों में से एक शारीरिक निष्क्रियता भी है। राष्ट्रीय एनसीडी निगरानी सर्वेक्षण (एनएनएमएस) (2017-18) के अनुसार भी, 41.3 प्रतिशत भारतीय शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं। शारीरिक गतिविधि न केवल कार्डियोवैस्कुलर बीमारी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर इत्यादि सहित एनसीडी के जोखिम को कम करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है और डिमेंशिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी विराम लगाती है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण संयुक्त सचिव विशाल चौहान, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिनिधियों, केंद्रीय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, सरकारी अस्पतालों सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी और छात्रों ने भी इस वॉकथॉन में भाग लिया।