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एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला टनल व जम्मू और कश्मीर में निर्माणाधीन एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना का निरीक्षण किया

जम्मू और कश्मीर में 25000 करोड़ रुपये के व्यय के साथ 19 सुरंगों का निर्माणकिया जा रहा हैइस ढांचागत कार्यक्रम के तहत जोजिला में6800करोड़ रुपये की लागत से1314किलोमीटर लंबी सुरंग और इसके साथ एक उपसड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह7.57मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगलट्यूब व द्विदिशात्मक सुरंग है,जो कश्मीर में गांदरबल तथा लद्दाख के कारगिल जिले में द्रास शहर के बीच हिमालयन क्षेत्र स्थित जोजिला दर्रे के नीचे से गुजरेगी। इस विशेष परियोजना में एक स्मार्ट टनल(पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डाटा अधिग्रहण प्रणाली)प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और इस सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके किया जा रहा है। यह सुरंग सीसीटीवी,रेडियो कंट्रोल,निर्बाध बिजली आपूर्ति और वायुसंचार जैसी आवश्यक सुविधाओं से लैस है। भारत सरकार द्वारा इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल करने से इसे 5000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।

जोजिला सुरंग परियोजना के तहत बनने वाली मुख्य जोजिला टनल13,153 मीटर लंबी है और इसमें 810 मीटर की कुल लंबाई के4 पुलिया निर्धारित हैं, 4,821मीटर की कुल लंबाई की4 नीलग्रार सुरंगें, 8 कट जो 2,350 मीटर की कुल लंबाई को और तीन कट500मीटर को कवर करते हैं,इसके अलावा391मीटर तथा220मीटर के ऊर्ध्वाधर वेंटिलेशन शाफ्ट लगाया जाना प्रस्तावित हैं। अभी तक जोजिला सुरंग का 28 प्रतिशत कार्य खत्म हो चुका है।

इस सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लद्दाख के लिए हर मौसम में सड़क संपर्क सुविधा स्थापित हो जाएगी। वर्तमान समय में सामान्य मौसम के दौरान जोजिला दर्रे को पार करने के लिए औसत यात्रा अवधि में कभीकभी तीन घंटे लग जाते हैं,लेकिन इस सुरंग के पूर्ण रूप से बन जाने के बाद सफर का समय घटकर सिर्फ20मिनट रह जाएगा। यात्रा के समय में कमी आने से कोई संदेह नहीं है कि ईंधन की बचत भी होगी।

जोजिला दर्रे के पास का इलाका बेहद कठिन है और यहां पर हर वर्ष कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो जाती हैं। जोजिला सुरंग का कार्य पूरा हो जाने के बाद दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाएगी। एक बार संचालन शुरू होने के बाद यह सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच प्रत्येक मौसम में सड़क संपर्क सुविधा सुनिश्चित करेगी,जो लद्दाख के विकास तथा पर्यटन को बढ़ावा देने,स्थानीय व्यापारिक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

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