सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव श्री बी.बी स्वैन ने 4 मई, 2023 को दीमापुर, नागालैंड में अपने आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) कोष के अंतर्गत एनएसआईसी वैंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (एनवीसीएफएल) के सहयोग से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा आयोजित आउटरिच कार्यक्रम बीजएम्प की अध्यक्षता की। पूर्वोत्तर राज्यों के लघु एवं मध्यम उद्यम को सशक्त बनाने तथा एसआरआई कोष के अंतर्गत लाभों का उपयोग करके अपने व्यवसायों को बढ़ाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के एमएसएमई डॉटर फंड्स और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों के लिए समर्पित सत्र थे, जिनमें एसबीआई कैपिटल वैंचर्स, एनईडीएफआई आदि के जागरूकता सत्र शामिल थे। कार्यक्रम ने लाभार्थी एमएसएमई को अपनी कहानियों को प्रस्तुत करने तथा कार्यक्रम में उपस्थित महत्वकांक्षी एमएसएमई को प्रेरित करने के लिए मंच भी प्रदान किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग सचिवों की उपस्थिति के साथ राज्य और केंद्र सरकार के ठोस प्रयासों को दिखाया गया, जिन्होंने एमएसएमई के विकास में सहायता के लिए डिजाइन की गई विभिन्न नीतियों के बारे में विचारपूर्ण दृष्टि प्रदान की।
इस अवसर पर एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री बीबी स्वैन ने मंत्रालय तथा एनवीसीएफएल के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास, विकास के लिए नए रास्ते प्रस्तुत करेंगे, स्टार्ट-अप तथा वहां कार्यरत उद्यमों को बढ़ावा देंगे और राज्य की एमएसएमई क्लस्टर को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। उन्होंने एसआरआई फंड से अधिकतम लाभ लेने तथा जितना संभव हो सकें उतने डॉटर फंडों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया।
भारत सरकार ने 10,006 करोड़ रूपये के परिव्यय कोष के साथ एसआरआई फंड लॉन्च किया जो डॉटर फंड के माध्यम से एमएसएमई को पूंजी निवेश के वित्त पोषण की दिशा में केंद्रित है। एसआरआई फंड, जिसे एनवीसीएफएल द्वारा प्रतिबंधित किया जाता है, एक वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) है, जो इक्विटी/अर्द्ध-इक्विटी/इक्विटी जैसे ढांचागत साधनों के माध्यम से एमएसएमई को विकास पूंजी प्रदान करता है। फंड ने 31 मार्च, 2023 तक पैनल में शामिल 42 डॉटर फंडों के लिए 5,120 करोड़ रूपये की पूंजी का वचन दिया है।
बिजएम्प देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहला आउटरिच कार्यक्रम है जो एनवीसीएफएल के एसआरआई कोष के माध्यम से पूंजीगत लाभ को अधिकतम करने पर केंद्रित है। इसने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई तक पहुंचने के लिए एसआरआई कोष के लिए पैनल में शामिल डॉटर फंड के लिए मंच प्रदान करने का काम किया।
हमारी अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के प्रभाव को देखते हुए यह आवश्यक है कि युवाओं के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और एक अनुकूल इको सिस्टम बनाने के लिए केंद्रित प्रयास किए जाएं, जहां वे 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को साकार बनाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में अभिन्न भूमिका निभा सकें।
राष्ट्र की आर्थिक भलाई के लिए एमएसएमई क्षेत्र का पोषण करना महत्वपूर्ण है। एमएसएमई मंत्रालय निरंतर रूप से सतत विकास के लिए एमएसएमई को सशक्त बनाने तथा वैश्विक मूल्य श्रृंखला में उपयुक्त बनने के लिए काम कर रहा है। इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई को वेंचर कैपिटल फंड (डॉटर फंड) से बातचीत करने और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए पूंजी निवेश के माध्यम से लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर एनवीसीएफएल के अध्यक्ष और एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव के साथ-साथ पूर्वोत्तर परिषद के सचिव, एनईडीएफआई (पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सीजीएम-एसबीआई (एनईआर), एसबीआई कैपिटल फंड के एमडी और सीईओ, एनवीसीएफएल के निदेशक और सीईओ भी उपस्थित थे।