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क्रोनिक फटीग सिंड्रोम: जोड़ों और मांसपेशियों में बार-बार दर्द की समस्या का यह प्रमुख कारण

डॉ विवेक महाजन

डॉ विवेक महाजन

डॉ विवेक महाजन

आर्थोपेडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर 

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) एक प्रकार की शारीरिक समस्या है, जिसमें मनुष्य को हर समय थकान महसूस होती है, इस समस्या को समझना बहुत कठिन है। इसके अन्य नाम म्याल्जिक एंसीफ्लोमाइलाइटिस (ME) या सिस्टमिक एक्सटर्न इनटोलरेंस डिजीज (SEID) भी हैं। 

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) से ग्रसित मरीज मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, भूलने की आदत और एकाग्रता की कमी जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। क्रोनिक फटीग सिंड्रोम को एक वायरस या संक्रमण से जुड़ा हुआ माना जाता है। क्योंकि शरीर थकावट और ऊर्जा की कमी से इसी कारण निपटने में असमर्थ होता है, जिसके चलते मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या बनी रहती है।

मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द

मांसपेशियों और जोड़ों में बार-बार दर्द की समस्या सीएफएस के कारण हो सकती है, जिसका मुख्य तौर पर कोई इलाज नहीं है परंतु अपनी जीवनशैली में बदलाव जैसे- भरपूर शारीरिक आराम, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम व डॉक्टर के निर्देशानुसार कुछ दवाओं से काफी मदद मिलती है।

सीएफएस के प्रभाव को कैसे कम करें?

हल्के व्यायाम का अभ्यास करना: योग और स्ट्रीचिंग के माध्यम से आप हल्के व्यायाम द्वारा मांसपेशियों के दर्द को कम करने के साथ जोड़ों को भी आराम पहुंचा सकते हैं। अपनी दिनचर्या में इसी प्रकार से हल्के व्यायाम को धीरे-धीरे बढ़ाएं, पर यह ध्यान रखें कि आपको अधिक परिश्रम नहीं करना है, हल्का व्यायाम ही अपनी दिनचर्या में शामिल करना है।

हीट थेरेपी:

जहां पर आपको दर्द है उस स्थान पर गर्म तौलिए से सिकाई करना, हीटिंग पैड लगाना, हल्के गर्म पानी से स्नान करने से राहत मिलती है।

कोल्ड थेरेपी:

शरीर के जोड़ों व मांसपेशियों में जहां दर्द है वहां आइस पैक या फिर बर्फ द्वारा सिकाई करने से सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। ‌

दर्द की दवा:

शरीर में दर्द होने पर लोग कई प्रकार की इबुप्रोफेन और एसिटामिनोफेन जैसी दवाएं स्वयं ही ले लेते हैं, जिनसे कई प्रकार के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं इसलिए हम दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह देते हैं।

न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट:

ओमेगा -3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और विटामिन डी जैसे न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए मदद करते हैं।

शरीर को भरपूर आराम देना:

मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में शरीर को आराम देना बहुत आवश्यक है, इसलिए रात में पर्याप्त मात्रा में नींद लें।

मन को शांत रखना, ध्यान व गहरी सांस लेना जैसी मानसिक शांति प्रदान करने वाली तकनीकों को अपनाकर आप अपने दर्द को कम कर सकते हैं। क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अलग अनुभव है जिसके लक्षणों पर ध्यान देकर पहले से ही सावधानी बरत कर व चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा परामर्श से ठीक किया जा सकता है, इसलिए बगैर लापरवाही के आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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