गया अब वह जमाना,जब शादी के सात जन्मों का बंधन समझा जाता था क्यों कि अब तो शादी भी तलाक भी एक इसी जन्म में होने का जैसे चलन शुरू हो चुका है। तलाक लेने का यह चलन पहले विदेशों तक ही सीमित था। ऐसा लग रहा है जैसे भारत में भी इस ट्रेड को तेजी से अपनाया जा रहा है। हर साल न जाने कितने ही रिश्ते तलाक की भेंट चढ़जाते हैं। युवाओं का मानना है कि आज के मार्डन युग में रिलेशनशिप इतने जटिल होते जा रहे है कि उन्हे निभाने की बजाए वे उनसे पीछा छूडाना आसान समझते है। आइयें ऐसे की किन्ही कारणों के बारे में चर्चा करें जो तलाक की वजह बनते जा रहे है।
अत्यधिक अपेक्षाएं:-
किसी भी रिलेशनशिप का आधार जिम्मेदारियों और उसके प्रति अपने कर्तव्यों पर निर्भर करता है। ऐसे में अपने पार्टनर से अपेक्षाएं रखना तो लाजमी सी बात है। लेकिन अगर यही अपेक्षाएं आवश्यकता से अधिक बढ़ जाए तो यह किसी भी रिश्ते के लिए घातक हो सकता है। अपने पार्टनर से उतनी ही उम्मीद रखनी चाहिए जिस पर वह खरा उतर सके।
घरेलू हिंसा:-
आज भी देश के कई हिस्से ऐसे है जहां पर महिलाओं को समानता का दर्जा नहीं दिया जाता है। पुरूष अक्सर उन पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के गाली गलौज व मारपीट का सहारा लेते हैं। अक्सर महिलाएं मार खाकर चुपचाप रहती है। लेकिन धीरे धीरे कुछ महिलाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है और वह अधिक समय तक ऐसे रिश्ते का बोझ नहीं ढोती व ऐसे रिश्तों का अंत तलाक होता है।
फाइनेंस:-
अक्सर तलाक एक बड़ा कारण होता है-फाइनेंस। अगर पैसों का मैनेजमेंट सही ढंग से न किया जाए तो इससे किसी भी रिलेशनशिप पर बड़ा असर होता है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि एक पार्टनर अत्यधिक खर्चिला होता है और एक सेविंग करने वाला होता है और यही असमानता दोनों के रिश्ते को प्रभावित करती है।
कम्यूनीकेशन की कमी:-
किसी भी रिलेशनशिप को आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा तत्व है उनमें कम्यूनीकेशन होना। लेकिन रिश्ते शुरूआती दौर में तो कम्यूनीकेशन से भरपूर होते है, लेकिन समय के साथ साथ अक्सर कम्यूनेकेशन में कमी आने लगती है। अपना अपना करियर समय की कमी आदि के चलते पार्टनर एक साथ तो रहते है। लेकिन हेन्दी कम्यूनीकेशन न होने की वजह से अपने आप दूरियां बढ़ने लगती है।
धोखा या दूसरा अफेयर:-
किसी भी रिलेशनशिप में दो पार्टनर इस आश्वासन से जुडे हैं कि वे एक दूसरे का भरपूर प्यार और साथ निभाएंगे। मगर ऐसे में अगर कोई पार्टनर दूसरे को धोखा देने लगे तो ऐसे रिश्ते अक्सर खत्म हो जाते है। किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास सच व प्यार पर टिकती हैं तो ऐसे में अगर यही फैक्टर न रहें तो रिश्ते का कोई वजूद नहीं रह जाता है।
कम उम्र में शादी करना:-
अक्सर 14 से 15 की उम्र में किसी पर भी दिल आ जाना बहुत सी आम बात है। हम अक्सर लोगों को पसंद करने लगते है। लेकिन लड़कपन की उम्र में जोड़े गये रिश्तों की बुनियाद कच्ची होती है। इस लिए शादी ब्याह व रिश्ते हमेशा समझदारी के साथ जोड़ने चाहिए। कम उम्र में जोड़े गए रिश्तों को निभा पाना दोनों पार्टनर के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में ये रिश्ते तोड़ दिये जाते हैं।
खैर रिश्ते टूटने के कारण कोई भी हो , उसके टूटने से दो लोगों की भावनाओं , उनका प्यार, उनका साथ भी हमेशा के लिए टूट व छूट जाता है। किसी भी रिश्तो को तलाक की कगार पर पहुंचाने से पहले अवश्य सोच लेना चाहिए कि दुनिया की कोई भी चीज को जोड़ने या बनाने में न जाने कितनी मेहनत कितना समय कितना परिश्रम लगता है और शायद वही चीज तोड़ने झटका के लिए एक झटका ही काफी होता है।