त्वचा को कई प्रकार के संक्रमणों का सामना करना पड़ता है। एक्जिमा उसमें से एक है। एक्जिमा होने के अलग-अलग कारण होते हैं। शरीर में इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के चलते खुजली हो जाती है तो कोई कहता है कि सरकाप्टस नामक परजीवी के कारण खुजली होने लगती है। एक्जिमा रोग शरीर की त्वचा को प्रभावित करता है और यह एक बहुत ही कष्टदायक रोग है।
यह रोग स्थानीय ही नहीं बल्कि पूरे शरीर में हो सकता है। वजह चाहें जो भी हो लेकिन शरीर में तकलीफ़ होने से आपकी दिनचर्या पर गंदा असर पड़ता है और आपकी पब्लिक इमेज की धाज्जियां उड़ जाती हैं। एक्जिमा त्वचा में होने वाली सामान्य अनियमितता है। पिछले कुछ दशकों में एक्जिमा के मामलों में तेजी आई है। हालांकि इसके कारण अभी तक ज्ञात नहीं हैं।
एक्जिमा के कारण:
एक्जिमा के कई कारणों में से एक यह भी हो सकता है कि आजकल लोग एलर्जी पहुंचाने वाले तत्वों के संपर्क में अधिाक आने लगे हैं। साथ ही घर में धाूल और ऑफि़स में अन्य कैमिकल उत्पादों के कारण भी ऐसा देखा जा रहा है। इतना ही नहीं पिछले कुछ दशकों में पर्यावरण और वातावरण में आए बदलावों के कारण भी कुछ लोगों को एक्जिमा की शिकायत होने लगी है। घरों में सफ़ाई के लिए प्रयोग होने वाले पदार्थों का अधिाक इस्तेमाल, घोल, डिटर्जेंट, तेल और अन्य सामान, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं, आदि भी एक्जिमा का संभावित कारण हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त एक्जिमा रोग होने के अन्य कारण हैः-
- एक्जिमा रोग अधिाकतर गलत तरीके के खान-पान के कारण होता है। गलत खान-पान की वजह से शरीर में विजातीय द्रव्य बहुत अधिाक मात्र में जमा हो जाते हैं।
- कब्ज रहने के कारण भी एक्जिमा रोग हो जाता है।
- दमा रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार की औषधिायां प्रयोग करने के कारण भी एक्जिमा रोग हो जाता है।
- शरीर के अन्य रोगों को दवाइयों के द्वारा दबाना, एलर्जी, निष्कासन के कारण त्वचा निष्क्रिय हो जाती है जिसके कारण एक्जिमा रोग हो जाता है।
एक्जिमा के प्रकार:
एक्जिमा कई प्रकार का होता है। किसी व्यक्ति को किसी चीज से एलर्जी हो, तो उसे उससे एक्जिमा हो सकता है और संभव है कि दूसरे किसी व्यक्ति पर उस चीज का कोई प्रभाव न पड़े।
एटॉपिक एक्जिमा:
एक्जिमा का यह प्रकार निरंतर आता और जाता रहता है, और ये आमतौर पर उन लोगों को होता है जिनमें एलर्जी के लिए एक आनुवंशिक द्धविरासतऋ प्रवृत्ति है। लगभग 70 प्रतिजत मामलों में, व्यक्ति द्धया किसी परिवार के सदस्यऋ को एलर्जिक अस्थमा है, फ़ीवर या भोजन सम्बंधिात एलर्जी होती है। एटॉपिक एक्जिमा जीवन के प्रारंभिक दिनों में, आम तौर पर 2 महीने से 18 महीने के बीच की आयु के शिशुओं, में उभरता है।
शिशुओं में, एटॉपिक एक्जिमा मुख्यतः चेहरे, गर्दन, कान और धाड़ को प्रभावित करता है। यह पैरों के शीर्ष या कोहनियों के आगे भी दिखाई देता है। बड़े बच्चों, किशोरों और वयस्कों में एटॉपिक एक्जिमा, आमतौर पर कोहनी के अंदर वाले मोड़ की शिकन, इसके साथ साथ घुटने, टखने या कलाई के जोड़ों, हाथों, और ऊपरी पलकों में भी उत्पन्न हो सकता है।
जिरोसिस एक्जिमा:
इसमें स्कीन काफ़ी ड्राई हो जाती है। यह सभी उम्र के लोगों को होता है खासकर अधिाकांज वृ)ावस्था में होता है। दूसरा इसकी सर्दी में होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है चूंकि सर्दी में स्कीन सबसे अधिाक रूखी व सूखी रहती है।
एक्जिमा से बचाव:
- लक्षणों को बिगाड़ने वाले उत्तेजकों से बचें
- घावों को कुरेदें नहीं
- अधिाक समय तक स्नान न करें और देरी तक स्नानघर में न रहें
- साबुन का प्रयोग कम से कम करें द्धबबल स्नान न करेंऋ
- माइड शाॕप का प्रयोग करें
- मॉइस्चराइजर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
- मगर इसके अलावा भी आप के लिये ये बेहतर रहेगा कि आप कुछ घरेलू उपाय को अपनाकर अपनी एक्जिमा प्रॉब्लम दूर कर लें।
लक्षण:
- जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके शरीर पर जलन तथा खुजली होने लगती है। रात के समय इस रोग का प्रकोप और भी अधिाक हो जाता है।
- एक्जिमा रोग से प्रभावित भाग में से कभी-कभी पानी अधिाक बहने लगता है और त्वचा भी सख्त होकर फ़टने लगती है। कभी-कभी तो त्वचा पर फ़ुंसिया तथा छोटे-छोटे अनेक दाने निकल आते हैं।
- एक्जिमा रोग खुश्क होता है जिसके कारण शरीर की त्वचा खुरदरी तथा मोटी हो जाती है और त्वचा पर खुजली अधिाक तेज होने लगती है।
- प्रभावित हिस्से में गांठ अथवा छाले होना।
एक्जिमा का घरेलु उपचार:
- सुबह के समय में रोगी व्यक्ति को खुली हवा में धाूप लेकर शरीर की सिंकाई करनी चाहिए तथा शरीर के एक्जिमा ग्रस्त भाग पर कम से कम 2-3 बार स्थानीय मिट्टी की पट्टी का लेप करना चाहिए। जब रोगी के रोग ग्रस्त भाग पर अधिाक तनाव या दर्द हो रहा हो तो उस भाग पर भाप तथा गर्म-ठंडा सेंक करना चाहिए।
- खुजली होने पर गुनगुने पानी से नहाएं और तुरन्त बाद किसी माश्चराइजर या क्रीम का यूज न करते हुए ऑलिव ऑयल यानि जैतून के तेल का इस्तेमाल करें। अच्छे से हल्के – हल्के मालिश करने पर खुजली वाली जगह में आराम मिलेगा।
- खुजली होने पर गरी का प्योर तेल भी फ़ायदेमंद होता है। इससे ड्राईनेस भी नहीं होती और खुजली भी बंद हो जाती है।
- शरीर में अचानक से ज्यादा खुजली होने पर तुरंत राहत के लिए आप घरों में इस्तेमाल किया जाने वाला देशी घी लगा लें। इससे फ़टाफ़ट राहत मिलेगी।
- आजकल मार्केट में ओमेगा 3 ऑयल आसानी से उपलब्धा है। इसलिए खुजली की शिकायत होने पर फ़टाफ़ट ओमेगा 3 ऑयल से मसाज कर लें। इससे आपको राहत होगी।
- खीरे को बारीक स्लाइस में काटकर दो घंटे के लिए रख दें। पूरा रस निकल जाने के बाद उसे छान लें और खुजली वाली जगह पर लगा लें। जरूर आराम होगा।
- गेहूं के आटे का लेप करने से शरीर के सारे चर्म रोग दूर हो जाते हैं और खुजली में आराम मिलता है।
उपचार:
हालांकि एक्जिमा का कोई इलाज नहीं है। फि़र भी रोग को ठीक करने के लिए एंटी बायोटिक का प्रयोग किया जाता है। साथ ही स्किन केयर के कुछ खास उपाय आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैः-
- त्वचा को उत्तेजित करने वाले पदार्थ जैसे सुगंधिात साबुन, कॉस्मेटिक, कपड़े धाोने वाले डिटर्जेंट के इस्तेमाल से बचें
- त्वचा को मॉइस्चराइज रखें
- गर्मी और पसीने से बचें। तापमान और आर्द्रता में अचानक बदलाव और खुरचने से बचें।
- ढीले-ढाले कपड़े पहनें और एक्जिमा को नियंत्रित करने के लिए सही और पूरा इलाज करें।