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भारत आईआईएएस वार्षिक सम्मेलन 2025 की कोच्चि में मेजबानी करेगा

भारत ने फरवरी, 2025 में केरल के कोच्चि में 2025 आईआईएएस (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव साइंसेज) के वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी करने की इच्छा व्यक्त की है। वर्ष 1930 में स्थापित आईआईएएस सदस्य देशों, राष्ट्रीय अनुभागों और शैक्षणिक अनुसंधान केंद्रों का एक संघ है, जो बेल्जियम के ब्रुसेल्स में स्थित मुख्यालय के साथ संयुक्त रूप से भारत की दैनिक नीतिगत चुनौतियों के लिए लोक प्रशासन समाधानों का विस्तार करता है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव वी. श्रीनिवास ने आज एक वर्चुअल बैठक में प्रशासनिक परिषद की बैठक के दौरान भारत सरकार के इस निर्णय की जानकारी प्रदान की। आईआईएएस के 2025 वार्षिक सम्मेलन में 30 सदस्य देशों, 18 राष्ट्रीय अनुभागों और सदस्य राष्ट्रों के 50 से अधिक आईआईएएस विश्वविद्यालयों/सार्वजनिक प्रशासन संस्थानों द्वारा भाग लिया जाएगा। आईआईएएस की प्रशासनिक परिषद को भारत के बयान में निम्नलिखित बातें साझा की गई हैं:

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग साल 1998 से अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान-  आईआईएएस का एक संस्थागत सदस्य है। एक राष्ट्र के रूप में बहुपक्षवाद, लोकतंत्र, बुद्धिशालियों के देश और सुशासन के लिए बड़ी तत्परता से प्रतिबद्ध है। भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में एक प्रमुख नीतिगत सिद्धांत “अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार” के तहत दूरगामी प्रशासनिक सुधार गतिविधियों को आगे बढ़ाया है। आईआईएएस के एक संस्थागत सदस्य के रूप में, भारत ने प्रशासनिक परिषद और वित्त समिति के संस्थागत तंत्र के माध्यम से विचार-विमर्श लोकतंत्र, शोध प्रकाशन, बजट की वित्तीय प्रक्रियाओं/लेखापरीक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में कार्य करते हुए भारत के शासन परिदृश्य में स्तर, कार्यक्षेत्र और सीखने के प्रतिमानों में आमूल परिवर्तन आया है। भारत आधुनिक समय के डिजिटल संस्थानों के निर्माण में सफल रहा है, जो लाखों भारतीयों को ई-सेवाओं और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से लाभान्वित करते हैं। देश की स्वतंत्रता के अपने 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाए जा रहे उत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत की थीम के तहत सरकार व नागरिकों के बीच की खाई को पाटकर अगली पीढ़ी के सुधारों को अपनाने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों के इस दृष्टिकोण को डीएआरपीजी द्वारा परिश्रम से वास्तविकता में परिवर्तित किया गया है। सचिवालय सुधार, शासन की बेंचमार्किंग, लोक शिकायतों का निवारण और सेवा वितरण में सुधार, बुद्धिशालियों को मान्यता देना और सुशासन कार्य प्रणालियों की प्रतिकृति भारत के सुशासन मॉडल का मूल तत्व है।

कार्मिक प्रशासन में महत्वपूर्ण परिवर्तनों के साथ मिलकर संगठनात्मक सुधार भारत के प्रशासन मॉडल में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। नए भारत की सशक्त संस्थाएं ई-गवर्नेंस कार्य प्रणालियों को अपनाकर सबसे अच्छा प्रतीक बनकर उभरी हैं। “अधिकतम शासन – न्यूनतम सरकार” नीति की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति “डिजिटल रूप से सशक्त नागरिक” और “डिजिटल रूप से परिवर्तित संस्थान” है। भारत के शासन मॉडल के अनुसार, कोच्चि में 2025 आईआईएएस वार्षिक सम्मेलन का विषय “अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधार – नागरिकों को सशक्त बनाना और अंतिम छोर तक पहुंचना” प्रस्तावित है।

वर्ष 2023 में, भारत जी-20 नेताओं के सम्मेलन और शांघाई सहयोग संगठन के नेताओं की बैठक की मेजबानी करेगा। “वसुधैव कुटुम्बकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” विषय के तहत देश 56 शहरों में जी-20 संविदा समूहों / कार्य समूहों / मंत्रिस्तरीय बैठकों की 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जा रही हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और दुनिया के सबसे डिजिटल रूप से उन्नत राष्ट्रों में से एक के रूप में, भारत विकेंद्रीकृत/कार्यात्मक शासन मॉडल द्वारा समर्थित महत्वपूर्ण द्विपक्षीय/बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों की मेजबानी करने के अपने अनूठे अनुभव को सामने प्रस्तुत कर रहा है। भारत ने लोक प्रशासन में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए आईआईएएस को हमेशा एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में देखा है। कोच्चि में आईआईएएस 2025 सम्मेलन भारत की अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों की तलाश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

भारत 2025 आईआईएएस वार्षिक सम्मेलन के सभी प्रतिनिधियों का कोच्चि आने के लिए उनका हार्दिक अभिनंदन करता है। सम्मेलन की तारीखें और एजेंडा आईआईएएस सचिवालय के परामर्श से तैयार किया जाएगा। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक तथा आईआईएएस की अनुसंधान सलाहकार समिति के सदस्य कोच्चि में 2025 आईआईएएस सम्मेलन के लिए अनुसंधान एजेंडा तैयार करने में डीएआरपीजी का समर्थन करेंगे। भारत एक समावेशी एवं सफल सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है और 2025 तक आईआईएएस के साथ सौहार्दपूर्ण व रचनात्मक सहयोग की परिकल्पना करता है।

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