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व्‍यायाम जो बदलकर रख दे आपके जीने का अंदाज

परफेक्‍ट बॉडी पाना आज हर किसी का ख्‍वाब बन गया है। चाहे इंसान पतला हो या फिर मोटा, हर किसी को अपने शरीर से दो इंच कम करना ही है। लेकिन समस्‍या यह आती है कि आज कल लोगों के पास ना तो सुबह उठ कर पार्क में वॉकिंग करने का समय होता है और ना ही जिम जाने का समय। इसलिये आज हम आपके लिये कुछ ऐसे व्‍यायाम ले कर आए हैं, जिन्‍हें कर के आप अपने शरीर की चर्बी को घर पर ही घटा सकते हैं।

परफेक्‍ट बॉडी पाने के लिये व्‍यायाम के साथ खाने का भी ख्‍याल रखना होगा। आप ऐसे व्‍यायाम करने चाहिये जो खासतौर पर शरीर के अलग अलग भागों का वजन कम करे। चलिये देखते हैं वे व्‍यायाम जिनको कर के आप अपना वजन घटा सकते हैं। कोर्डियो वर्कआउट जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, एरोबिक्स, जुम्बा, स्पिनिंग आदि फैट को बर्न करने वाले एक्सरसाइज हैं। कार्डियो एक्सरसाइज को खाली पेट ही करना चाहिए। ये एक्सरसाइज शरीर के फैट और कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल फ्यूल के रूप में करता है। आप हर एक दिन छोड़ कर बाहर दौड़ने जरुर जाएं।

यह व्‍यायाम आपकी जांघो और काल्‍फ मसल्‍स के लिये लाभकारी है। 15 स्‍क्‍वैट का सेट 3 बार करें, जिससे आपकी जांघे सुडौल बनें और शेप में आ जाएं। अगर आप अपने कूल्हों पर कर्व चाहती हैं तो इस एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट में शामिल करें। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के बल खड़े हो जाएं, घुटनों को धीरे से मोड़ें और हाथों से डंबल उठाएं। पीठ सीधी रखें और अपने घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़ें। इसी प्रक्रिया को 10 से 12 बार दोहराएं। इसे हफ्ते में तीन बार करें।

अपने पैरों और बट को शेप में लाने के लिए लन्ज एक्सरसाइज करें। इससे आपके शरीर का पिछला हिस्सा शेप में आएगा और कूल्हे, जांघ और टखनों में मजबूती आएगी। अपने पैरों के बल खड़े हो जाएं और दोनों हाथों में डंबल लें। एक पैर को आगे बढ़ाएं और घुटनों को इस तरह मोड़ें कि दोनों घुटने एडियों की सीध में मुडे़। इसी प्रक्रिया को पैर बदल कर दोहराएं।

संपूर्ण शरीर पाने के लिये यह बहुत ही बेसिक और बहुत ही प्रभावी व्यायाम है। पुश अप्‍स करने से आपके बाजू, कंधे, पेट और चेस्‍ट शेप में आने लग जाएंगे। पुश अप्‍स से आप अपने शरीर के कई अंगों पर ध्‍यान दे सकते हैं। पुश अप आपकी बाहों का वजन कम करने का बहुत बेहतरीन तरीका है। आप नजदीकी लाकर सख्त पकड़ पुश अप द्वारा अपनी बाहों पर अधिक दबाव डाल सकते हैं। इसे शुरू करने के लिए, जमीन पर घुटने रख कर बैठें। नीचे की ओर देखते हुए, अपने घुटनों व हाथों पर वजन रखें। अधिक लाभ हेतु, 10 से 15 पुश अप प्रतिदिन करें। इससे आपके सीने व बाहों को संतुलित बनाने एवं मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

स्वीमिंग में किसी भी दूसरे वर्कआउट की तुलना में दो गुणा तेजी से कैलोरी बर्न होता है। स्वीमिंग से हाथ और पैर मजबूत होता है। बॉडी को शेप में लाने के लिए स्वीमिंग एक बेहतरीन वर्कआउट है। स्वीमिंग शरीर के पूरे अंग के लिये अच्छी मानी जाती है। इससे हमारी हड्डियां भी मजबूत बनती हैं।

इसे करने का अच्छा तरीका है कि आप पहले 100 मीटर दौड़ लगाइये और 25 मीटर चलिये। ऐसा आपको 6-7 बार करना होगा। इससे आपको अच्छा फायदा मिलेगा। इसे करने का अच्छा तरीका है कि आप पहले 100 मीटर दौड़ लगाइये और 25 मीटर चलिये। ऐसा आपको 6-7 बार करना होगा। इससे आपको अच्छा फायदा मिलेगा। रोजाना 30-40 मिनट तेज दौड़ करें। आप सुबह या शाम को तेज दौड़ कर सकते हैं लेकिन खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही करें। यह कार्डियों के लिए बहुत जरूरी है। इसी तरह स्वीमिंग और डांसनिंग से भी पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। सूर्य नमस्कार करना भी काफी फायदेमंद है।

घर पर आराम से रस्‍सी कूदी जा सकती है। इससे आपका दिल मजबूत रहेगा और शरीर से चर्बी घटेगी। अगर आप रोज 100-200 बार स्किप्स करेंगे तो आपको फर्क खुद नजर आने लगेगा। स्किपिंग का असर पूरे शरीर पर होता है और यह बॉडी को अच्छे से शेप में लाता है।

साइकलिंग को बेहद प्रभावशाली व आनंददायक एरोबिक एक्सरसाइज मानी जाती है। नियमित रूप से साइकलिंग से सांस की समस्या सुलझती है। इससे दिल की बीमारी, हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज व मोटापे के रोगियों को आराम मिलता है। रोजाना 15 मिनट साइकलिंग करने से एक साल में शरीर का मोटापा 5 किलोग्राम के करीब घट जाता है। साइकलिंग से ‘स्ट्रेंथ को-ऑर्डिनेशन’ बनता है व वेट-मैनेजमेंट में सहायता मिलती है। साइकिल चलाने से पूरा शरीर गतिमान होता है। साइकलिंग से शरीर पर वही असर पड़ता है, जो जागिग व स्विमिंग से पड़ता है। साइकलिंग से पूरा शरीर एक्टिव होता है।

इससे कूल्हे, टांगें व कमर अच्छी शेप में आ जाती हैं।माना जाता है कि साइकलिंग से मूड सुधरता है। इसकी खासियत है कि इसका उपयोग सभी आयु वर्ग के लोग अपने-अपने हिसाब से कर सकते हैं। वे धीमी या तेज गति से साइकिल चलाकर शहर का भ्रमण कर सकते हैं। साइकलिंग जो आने-जाने का सहज साधन था, अब कॉम्पिटीटिव स्पोर्ट के साथ फिटनेस का उत्तम साधन है। यह अब बहुआयामी गुणों की प्रतीक है।

विनीता झा
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