सेवा वितरण के लिए आधार आधारित चेहरा प्रमाणीकरण कारोबार में अत्यधिक तेजी देखी जा रही है और अक्टूबर 2021 में लॉन्च होने के बाद से मई में मासिक कारोबार 10.6 मिलियन के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है। 10 मिलियन से अधिक चेहरा प्रमाणीकरण दर्ज करने वाला यह लगातार दूसरा महीना है। चेहरा प्रमाणीकरण कारोबार की संख्या बढ़ रही है और मई में दर्ज की गई मासिक संख्या जनवरी 2023 में रिपोर्ट किए गए ऐसे कारोबार की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है, जो इसके बढ़ते उपयोग का संकेत है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा इन-हाउस विकसित एआई/एमएल आधारित चेहरा प्रमाणीकरण समाधान, अब राज्य सरकार के विभागों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और कुछ बैंकों सहित 47 निकायों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है। इसके कई उपयोग किए जा रहे हैं, जिनमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को पंजीकृत करने, प्रधानमंत्री किसान योजना में लाभार्थियों के प्रमाणीकरण और पेंशनभोगियों द्वारा घर पर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए किया जाने वाला उपयोग शामिल है। इसका उपयोग कई सरकारी विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति को चिह्नित करने और कुछ प्रमुख बैंकों में उनके व्यवसाय संवाददाताओं के माध्यम से बैंक खाते खोलने के लिए किया जा रहा है।
जिन कई राज्यों में इसका उपयोग किया जा रहा है, उनमें आंध्र प्रदेश सरकार पात्र उच्च शिक्षा छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए जगन्ना विद्या दीवेना योजना के लिए और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को कल्याण वितरण के लिए ईबीसी नेस्टम योजना के तहत आधार आधारित चेहरा प्रमाणीकरण का उपयोग कर रही है। चेहरा प्रमाणीकरण उपयोग में सरलता, त्वरित प्रमाणीकरण जैसी सुविधाएं प्रदान करता है और इसे फिंगरप्रिंट तथा ओटीपी प्रमाणीकरण के साथ सत्यापन सफलता दर को सुदृढ़ बनाने के लिए एक अतिरिक्त साधन के रूप में पसंद किया जाता है। यह प्रमाणीकरण के लिए लाइव इमेजेस कैप्चर करता है यह किसी भी वीडियो रिप्ले अटैक और असामाजिक तत्वों द्वारा स्थिर फोटो प्रमाणीकरण प्रयासों के विरुद्ध सुरक्षित है।
चेहरा प्रमाणीकरण एक मजबूत विकल्प के रूप में भी काम कर रहा है और वरिष्ठ नागरिकों तथा उन सभी लोगों की मदद कर रहा है, जिन्हें शारीरिक काम या स्वास्थ्य समस्याओं सहित कई कारणों से अपनी उंगलियों के निशान की गुणवत्ता में समस्या आती है।
मई में यूआईडीएआई ने लोगों के अनुरोध के बाद 14.86 मिलियन आधार अपडेट निष्पादित किए।
आधार ई-केवाईसी सेवा पारदर्शी और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने तथा व्यापार करने में सुगमता में मदद करके बैंकिंग एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहती है। सिर्फ मई में 254 मिलियन से अधिक ई-केवाईसी कारोबार किए गए।
मई 2023 के अंत तक, आधार ई-केवाईसी कारोबार की संचयी संख्या 15.2 बिलियन से अधिक हो गई है। ई-केवाईसी को निरंतर अपनाने से वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं जैसी संस्थाओं की ग्राहक अधिग्रहण लागत में अत्यधिक कमी आ रही है।
चाहे समग्र बैंकिंग के लिए एईपीएस हो, पहचान सत्यापन के लिए ई-केवाईसी हो, प्रत्यक्ष फंड हस्तांतरण या प्रमाणीकरण के लिए आधार सक्षम डीबीटी हो, आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की नींव और सुशासन के एक माध्यम के रूप में लोगों के लिए जीवन की सुगमता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।