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वर्किंग वुमन डाइट: ऐसा हो खानपान जो दे ऊर्जा संग पोषक तत्व

अक्सर महिलाएं घर और जॉब में बिजी रहने के कारण खान-पान का ध्यान नहीं रख पाती हैं। इस दौरान खानपान में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण उनके शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिसके कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे एक भ्रम यह भी है कि वजन ज्यादा न बढ़े इसलिए वे बेहद कम खाना खाती हैं।

पाचन तंत्र से संबंधित गड़बड़ियां:

सभी बीमारियों का केंद्र हमारा पेट होता हैए इसलिए अच्छी सेहत के लिए अच्छात पाचन तंत्र होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। पाचन तंत्र की गड़बड़ियों का असर अन्यस तंत्रों पर ही नहीं अंगों पर भी पड़ता है। जो लोग रोटेटिंग शिफ्ट या नाइट शिफ्ट में काम करते हैं या जिनका टूरिंग जॉब है वो अपने खानपान को लेकर काफी लापरवाह हो जाते हैं।

पोषक भोजन खाना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है कि उसे नियत समय पर किया जाए। जो लोग अपने शिफ्टिंग जॉब के कारण नियत समय पर भोजन नहीं करते और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते उनकी पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है और उन्हें गैस की समस्या हो जाती है।

कब्ज यानी बड़ी आंत से शरीर के बाहर मल निकालने में कठिनाई आना। खानपान की गलत आदतेंए शारीरिक निष्क्रियता और मानसिक तनाव कब्ज होने का प्रमुख कारण है। जो लोग टूरिंग जॉब करते हैं उन्हें अक्सर अलग.अलग जगहों पर ट्रेवल करना पड़ता हैए ऐसे में खानपान और वातावरण में बदलाव पाचन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और कब्ज की समस्या हो जाती है। अगर लगातार तीन महीने तक कब्ज की समस्या बनी रहे तो इसे इरीटेबल बॉउल सिंड्रोम ;आईबीएसद्ध कहते हैं।

आज कामकाजी लोगों में एसिडिटी की समस्या काफी बढ़ रही है। शारीरिक रूप से सक्रिय न रहनाए नियत समय पर खाना न खाना और सामान्यी से अधिक वजन लोगों को एसिडिटी का आसान शिकार बना रहा है। जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं वो घर आकर खाना खाकर तुरंत सो जाते हैंए ऐसा लगातार करने से उनके एसिडिटी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। टूरिंग जॉब करने वालों के लिए हमेशा संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करना एक समस्या बनी रही हैए ऐसे में वो जंक फूड्स को पेट भरने के झटपट विकल्प के रूप में चुनते हैंए इनके सेवन से एसिडिटी होने का खतरा बढ़ जाता है।

पाचन तंत्र को रखें दुरूस्त:

ऐसे में जरूरी है बैलेंस डाइट लेना। जानते हैं वर्किंग वुमन को अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए और कैसा हो डाइट प्लान।

अनाज में कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे फाइबरए मिनिरल्सए विटामिंसए प्रोटीन और कैल्शियम पाए जाते हैं। वहीं साबुत अनाज में इन पोषक तत्वों की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसलिए अनाज की तुलना में साबुत अनाज और भी बेहतर है।

डाइट में रोजाना कम से कम २ हरी और सीजनल सब्जियों को शामिल करें। हरी सब्जियों में कैलोरी की मात्रा कम होने के साथ कई तरह के पोषक तत्व जैसे पोटैशियमए विटामिन और फाइबर अधिक रहते हैं।

वर्किंग और नॉन वर्किंग वुमन को रोजाना एक मौसमी फल जरूर लेना चाहिए। इससे शरीर में फलों में विटामिंसए कैल्शियम और फाइबर की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है।

वर्किंग वीमन के लिए जरूरी है कि उसके शरीर के जरूरी पोषक तत्वों की कमी न हो। इसके लिए दूध एक सर्वश्रेष्ठ फूड है। जिसमें कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं।

ऐसा हो डाइट प्लान

वर्किंग वुमन को कभी भी सुबह का नाश्ता नहीं स्किप करना चाहिए क्योंकि दिनभर के लिए शरीर को मिलने वाली ऊर्जा के लिए यह बेहद जरूरी है कि नाश्ता किया जाए। इसके लिए नाश्ते में आप दूधए दलियाए कॉर्नफ्लेक्सए सैंडविच आदि ले सकती हैं। इसके अलावा अगर जल्दी में हैं तो फू्रट चाट भी तैयार कर सकती हैं इसके लिए सेबए पपीताए अनार को ले सकती हैं। इसके अलावा एक गिलास दूध के साथ ड्राई फू्रट्स भी लेना बेहतर विकल्प है।

कामकाजी महिलाओं को आमतौर पर लंच में सब्जीए दालए चपाती और सलाद को शामिल करना चाहिए। वहीं गर्मी के दिनों में दही या छाछ लेना चाहिए। हरी सब्जियों में जैसे ब्रोकलीए पालक आदि ले सकती हैं। इसके अलावा कम तेल में बनी पनीर की भुजिया भी लंच में ले सकती हैं। लंच में सलाद जरूर लें। सलाद में शिमला मिर्चए खीराए ककड़ीए किशमिश और थोड़ा.सा नींबू डालकर खाएं। जिससे इसका स्वाद बढ़ जाएगा।

लंच के कुछ घंटों के बाद भूख लग जाती है ऐसे में फल या स्प्राउट्स ले सकती हैं।

डिनर हमेशा ही सोने से दो घंटे पहले लें ताकि ये आसानी से पच सके। खाने में अधिक तेल मसाले वाली चीजें शामिल न करें। इसलिए रात के खाने में गेंहू की चपाती और कम मसाले वाली सब्जी लें। इससे ऊर्जा मिलने के साथ पाचन भी बेहतर रहता है। साथ ही कोशिश करें की २० मिनट की वॉक जरूर करें। यह भी खाने को पचाने का एक बेहतर जरिया है। जिसे जरूर अपने नियमित रूटीन का हिस्सा बनाएं। ऐसा रूटीन फॉलो करके आप खुद को फिट रख सकेंगी साथ ही घर और ऑफिस में अपनी जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से निभा सकेंगी।

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