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  ‘सर्कस’ के प्रीमियर को लेकर जॉनी लीवर से एक खास बातचीत

 फिल्म सर्कस में अपने किरदार के बारे में बताइए? किस खूबी ने आपको इस रोल के प्रति आकर्षित किया?

​‘सर्कस’ में काम करने की एकमात्र वजह रोहित शेट्टी हैं। हमारे रिश्ते बहुत लंबे समय से हैं और मैं उन पर आंख बंद करके विश्वास करता हूं। इसलिए मैं उनके द्वारा ऑफर किए गए हर प्रोजेक्ट में काम करूंगा। इस फिल्म को चुनने की दूसरी वजह थी इसकी दो जुड़वा लोगों की अनोखी कहानी, जो आपस में बदल जाते हैं। यह फिल्म गुलज़ार की फिल्म ‘अंगूर’ से प्रेरित है।

• रोहित शेट्टी के साथ काम करना हमेशा एक रोमांचक अनुभव होता है। इस बार उनके साथ जुड़कर कैसा लगा?

रोहित शेट्टी के साथ काम करना हमेशा एक खुशनुमा अनुभव रहता है। निजी तौर पर मैं उनके साथ काम करने के लिए एक पैर पर तैयार रहता हूं क्योंकि सेट पर बड़ी मजेदार चीजें होती हैं और मुझे एक एक्टर के रूप में खुद को एक्सप्रेस करने की पूरी आज़ादी मिलती है।

• रणवीर सिंह, जैकलीन फर्नांडिस, पूजा हेगड़े और वरुण शर्मा जैसे नए ज़माने के कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? आपने उनमें और इंडस्ट्री के बाकी सीनियर एक्टर्स के बीच क्या फर्क देखा?

निजी तौर पर मुझे तो कोई फर्क महसूस नहीं होता। उनके साथ रोज काम करते हुए हमारे बीच साथ काम करने का एक अनोखा और दोस्ताना तालमेल बन गया। असल में नए ज़माने के कलाकार अपने ताजातरीन आइडियाज़ लेकर आते हैं, जिससे हमें भी सीखने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

• कॉमेडी आपकी खासियत है। अपने फिल्म सर्कस में हास्य को अनोखा और यादगार बनाने के लिए किस तरह का रुख अपनाया?

रोहित शेट्टी सचमुच कॉमेडी के मास्टर हैं और उनके साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करना बेहद खुशनुमा अनुभव था। निजी तौर पर मुझे अपना किरदार बहुत पसंद आया, जिसमें मासूमियत भी है और शरारत भी! इसमें अपना बेस्ट देने के लिए सिद्धार्थ जाधव और संजय मिश्रा जैसे कलाकारों की मदद से एक मजेदार माहौल बन गया।

• इस फिल्म में बहुत-से कलाकार हैं। क्या आप सेट से जुड़े कुछ मजेदार किस्सों या यादगार पलों के बारे में बता सकते हैं?

मेरे लिए रणवीर हमेशा ‘सर्कस’ का सबसे यादगार हिस्सा रहेंगे। वो बेहद उत्साह और जोश से भरे हैं, इसीलिए वो इस रोल के लिए बिल्कुल सही हैं। मुझे याद है ‘सर्कस’ के सेट पर जब भी वो शूटिंग लोकेशन पर आते थे तो उनके बेमिसाल जोश से सारा माहौल जगमगा उठता था। आगे भी उनके साथ काम करने का अनुभव हमेशा खुशनुमा रहेगा। उनके साथ काम करते हुए कभी कोई बोर नहीं हो सकता। इसके अलावा, हमने सेट पर एक शानदार केक काटकर जैकलीन का बर्थडे भी मनाया। कुल मिलाकर, ‘सर्कस’ सबसे यादगार अनुभव था।

• आपके हिसाब से कौन-सी खासियत ‘सर्कस’ को बॉलीवुड की बाकी कॉमेडी फिल्मों से अलग बनाती है?

इस फिल्म की कहानी ‘सर्कस’ को बाकी कॉमेडी फिल्मों से अलग बनाती है।

• इंडस्ट्री के एक अनुभवी कलाकार होने के नाते आप भारतीय सिनेमा में इन वर्षों में हुए कॉमेडी के विकास को लेकर क्या महसूस करते हैं?

पिछले कई वर्षों के दौरान कॉमेडी फिल्मों में एक बड़ा बदलाव आया। पहले हम फिल्मों में बाकी भावनाओं के साथ बीच कॉमेडी की लाइंस देखा करते थे, लेकिन अब स्क्रिप्ट में इस तरह बदलाव आया है कि यह एक संपूर्ण कॉमेडी-पैक्ड फिल्म होती है। लगातार बदलते ट्रेंड्स और दर्शकों को आकर्षित करने के नए-नए तरीकों ने यह बदलाव लाया ताकि दर्शकों के बीच यह हमेशा बरकरार रहे। अपने 44 साल के करियर में मैंने बहुत-से बदलाव देखे, जिसने मुझे काफी चीजें सिखाई हैं।

• क्या आप इस फिल्म में अपने को-स्टार्स के साथ अपनी केमिस्ट्री और तालमेल के बारे में कुछ बताएंगे?

यह एक शानदार अनुभव था, खासतौर से रणवीर सिंह के साथ। वो हर बार अपने सभी शॉट्स के लिए इस तरह तैयार रहते थे, मानो वो अपनी पहली फिल्म की शूटिंग कर रहे हों। वो वक्त के पाबंद और जोश से भरे एक्टर हैं, जो हम सभी को अपना बेस्ट देने के लिए प्रेरित करते हैं।

• अंत में आप हमें यह बताएं कि दर्शकों को इस वीकेंड एंड पिक्चर्स पर सर्कस क्यों देखनी चाहिए? आपके हिसाब से दर्शकों को इससे क्या संदेश या एहसास मिलेगा?

‘सर्कस’ एक फैमिली एंटरटेनर है, जिसमें कॉमेडी और बेमिसाल धमाल का ऑक्सीजन है। मैं सभी से गुजारिश करूंगा कि इस वीकेंड एंड पिक्चर्स पर यह फिल्म जरूर देखें और इसे अपने दोस्तों और फैमिली के साथ एंजॉय करें। मुस्कान सिंह

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