माँ धरो शुभ कदम

माँ धरो शुभ कदम
तेरे शुभ कदम जब पड़ते हैं धरा पर,
जग कल्याण को ही बढ़ते हैं धरा पर ।
जब-जब प्रपंच भीषण हुआ,
जब-जब बढ़ा है दुर्व्यवहार,
जब-जब छली है मानवता !!
तब-तब किया तूने संहार ।
हे! शक्ति-स्वरूपा है नमन तुझे,
करें याद हम हर क्षण तुझे,
हर लो महामारी कुरूप,
दुःख व्याधि सब समाप्त हो,
आओ धरो फिर चण्डी रूप ।
बस तेरे ही भरोसे माँ,
शुभ शुरुआत की दृष्टि टिकी ।​
हो जो तेरी कृपादृष्टि इस जग पर,
नवरात्रि पर्व मनाएँ हिल-मिल फिर धरा पर ।

भावना 'मिलन'
भावना अरोड़ा ‘मिलन’
एडुकेशनिस्ट,लेखिका एवं
मोटिवेशनल स्पीकर