“बहुत हँसायेगा यह हास्य नाटक ‘बुरे फँसे’ ” – सुभाष चंदर (वरिष्ठ साहित्यकार)

हिंदी रंगमंच पिछले कई दशकों से हास्य नाटकों की कमी से जूझ रहा है ।  जबकि…

लेखिका एवं व्यंग्यकार रिंकल शर्मा द्वारा रचित “बुरे फंसे” पुस्तक आज के नीरस जीवन में रस भरने का काम कर सकती है

पिछले दिनों मेरे द्वारा पढ़ी जाने वाली पुस्तक रही "बुरे फंसे", जो कि एक हास्य नाटक…

मुझे नहीं लिखना कविता

वजन कम करने के स्वप्निल प्रयास में ढाई किलोमीटर टहलने के उपरान्त कुर्सी पर बैठकर सामने…

आदतें ही आदमी का व्यक्तित्व बनाती हैं

हर इंसान के जीवन में कुछ अच्छी आदतें होती है और कुछ बुरी आदतें होती हैं…

अच्छे प्रसंगों में इतनी ताकत होती है कि लोगों की सोच बदलकर अच्छी सोच की ओर ले जाती है: डा राजेन्द्र पटोरिया

प्रसंग शब्द के आसत्तिफ़, भत्तिफ़, संलग्नता, अवसर घटना काण्ड आदि अनेक अर्थ होते हैं। प्रस्तुत संदर्भ…

हिंदी उत्तराधुनिक उपन्यास की शुरुआत किरचे से

 लेखक जिस वर्ग से आता है उसका प्रभाव उसके लेखन पर अवश्य पड़ता है। राकेश शंकर…

मैं और मेरी जीवन कहानी

बाल साहित्य का पर्याय कहे जाने वाले प्रकाश मनु जी की बच्चों के लिए विभिन्न विधाओं…

सीखने की कोई उम्र नहीं होती, सीखने का क्रम हर व्यक्ति के पूरे जीवन भर चलता हैः चित्रा गर्ग

हिन्दी भाषा स्वयं में सपूंर्ण भाषा है। लोगों का यह कहना कि हिन्दी अत्यन्त कठिन भाषा…

व्यंग्य शैली नहीं है, न ही लेखन का तरीका है, अपितु साहित्यिक प्रक्रिया है तथा लेखन की एक व्यवस्था है: ताराचंद तन्हा

मशहूर हास्य कवि डा.ताराचंद ‘तन्हा’ जिन्होंने अपने बेहतरीन हास्य व्यंग्य के जरिए कई अवार्ड अपने नाम…

किरचे उपन्यास के माध्यम से एक नये विषय के साथ भारतीय समाज की संकीर्ण मानसिकता पर करारा प्रहार

राकेश शंकर भारती मीठी लुभावनी भाषा शैली और कहानी-उपन्यास में ट्विस्ट और सस्पेंस देने में माहिर…

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