मैक्स अस्पताल पटपड़गंज ने शुरू की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ओपीडी

मेरठ। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों के बढ़ते खतरे के प्रति मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पटपड़गंज लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए मेरठ में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की ओपीडी सेवा शुरू की है। मेरठ के मैक्स मेड सेंटर पर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को उपलब्ध रहेगी दोपहर 2. बजे से शाम 4 बजे के बीच मरीज यहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को दिखा सकेंगे। यहां डॉक्टर परामर्श देने के साथ-साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का इलाज भी बताएंगे। मैक्स अस्पताल पटपड़गंज लगातार मरीजों के हित में नए-नए कदम उठाता है और मेरठ में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की ओपीडी लॉन्च करना भी उसी का एक हिस्सा है। यहां डॉक्टर से परामर्श के बाद मरीज बेस्ट इलाज पा सकेंगे और इसके लिए उन्हें अपने शहर से बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।
मेरठ में ओपीडी लॉन्च करते वक्त एक्सपर्ट डॉक्टर्स ने ये भी बताया कि रोग का सही वक्त पर पता लग जाने और फिर उसके बेहतर ट्रीटमेंट से बीमारी होने व मृत्यु का खतरा कम हो जाता है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पटपड़गंज में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. पीके मिश्रा ने मेरठ ओपीडी सर्विस की लॉन्चिंग पर कहा, देश में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्याओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई है जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के केस भी है, जो पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़े हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि दिन में दिन ट्रीटमेंट के नए व एडवास मेथड्स भी आ रहे हैं। ऐसी ही एक तकनीक रोबोटिक सर्जरी की है, जिसके आने से सर्जरी बेहतर सटीक व आसान हो गई हैं और डॉक्टरों को इससे बहुत फायदा मिला है।

कैंसर जैसे मर्ज के इलाज में रोबोट की मदद से मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की जा रही हैं, जिसमें ब्लड लॉस कम होता है, रिकवरी जल्दी होती है और मरीज को कम वक्त तक अस्पताल में रुकना पड़ता है।
डॉ.पीके मिश्रा ने कहा, इस तरह की ओपीडी सेवाएं शुरू करना का उद्देश्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के केस में कमी लाना है। क्योंकि इस तरह की बीमारी से जुड़े शुरुआती लक्षणों को लोग पहचान नही पाते।

उनके अंदर अवेयरनेस की कमी रहती है, जिसके चलते रोग की पहचान नहीं हो पाती और धीरे-धीरे समस्या बढ़ जाती है। लोगों की खराब लाइफस्टाइल भी इसमें कारक होती है। लोग अनहेल्दी खाना खाते हैं। जंक फूड लेते हैं, साथ ही शराब का सेवन करते हैं, नींद भी ठीक से नहीं पूरी करते। ये सभी कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की शिकायत को बढ़ाते हैं।