लचीलापन लाभांश कैप्चर करने पर क्वॉड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप (क्यूसीडब्ल्यूजी) साइड इवेंट: क्लाइमेट एडॉप्टेशन पीलर के अंतर्गत क्वाड की उपलब्धियां

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) के साथ मिलकर 9 दिसंबर 2023 को दुबई में यूएनएफसीसीसी सीओपी 28 भारतीय पवेलियन के मौके पर भारतीय मंडप में “लचीलापन लाभांश को कैप्चर करना: क्लाइमेट एडॉप्टेशन पीलर के अंतर्गत क्वॉड की उपलब्धियां” पर क्वॉड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप (क्यूसीडब्ल्यूजी) के एडॉप्टेशन पीलर के तहत एक साइड इवेंट आयोजित किया।

पैनल का प्रतिनिधित्व सभी क्वॉड देशों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया गया। प्रतिनिधित्व में पर्यावरण प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन समूह, जेआईसीए (जापान) की सुश्री राजश्री रे, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार सुश्री निकोला रॉस, निदेशक-जलवायु एकीकरण इकाई, डीएफएटी (ऑस्ट्रेलिया) के श्री तोरू योशिदा, वरिष्ठ उप निदेशक तथा ब्यूरो ऑफ एशिया यूएसएआईडी (यूएसए) के सहायक प्रशासक श्री माइकल शिफर थे। भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य श्री कृष्ण वत्स ने सत्र का संचालन किया। पैनल ने सभी हितधारकों के बीच लचीलापन लाभांश को मापने और बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पैनलिस्टों ने अवसंरचना, निवेश और समुदाय की सुरक्षा के लिए निवेश नीतियों, योजना और शासन में लचीलापन को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एडॉप्टेशन (अनुकूलन) को एकीकृत करने में स्थानीय स्तर पर डेटा, समन्वय, वित्तपोषण अंतराल और वैचारिक तथा कार्यान्वयन क्षमता की कमी सहित चुनौतियों पर बल दिया।

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उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी), प्रकृति के साथ सामुदायिक पहल, स्थानीय रूप से नेतृत्व वाले एडॉप्टेशन और लचीलापन परियोजनाओं सहित लचीलापन एकीकरण की दिशा में प्रयासों को भी साझा किया। इनमें भारत-प्रशांत क्षेत्र की जलवायु अनुकूल परियोजनाएं शामिल थीं। पैनल ने सभी क्वॉड भागीदारों द्वारा समर्थित आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) की सराहना की, जो वैश्विक हितधारकों के बीच प्रभावी साझेदारी का एक उदाहरण है और आर्थिक विकास में तेजी लाने और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता समर्थन प्रदान करने के लिए है।