ग्रामीण विकास मंत्रालय ने डीएवाई-एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को रिलायंस रिटेल के जिओमार्ट से जोड़ने के लिए इसके साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के उत्पादों की बाजार तक पहुंच बढ़ाने में मदद करने के अपने प्रयासों के तहत रिलायंस रिटेल के जिओमार्ट के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि ग्रामीण एसएचजी कारीगरों को सशक्त बनाया जा सके।

इस अवसर पर अपने संबोधन में ग्रामीण विकास मंत्रालय में अपर सचिव, ग्रामीण आजीविका श्री चरणजीत सिंह ने कहा कि इस समझौते से एसएचजी को जिओमार्ट के ई-कॉमर्स फोल्ड पर विक्रेताओं के रूप में शामिल होने का मौका मिलेगा। इस पहल से सरस संग्रह के तहत बड़े उपभोक्ता आधार तक एसएचजी उत्पादों को उपलब्ध कराने के एमओआरडी के प्रावधान को और बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते से एसएचजी को बड़ा बाजार मिलेगा और इसकी मौजूदगी में विस्तार होगा। इससे पूरे भारत में जिओमार्ट के ग्राहकों को अपने क्यूरेटेड उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा। एमओआरडी और जिओमार्ट के बीच इस साझेदारी से डीएवाई-एनआरएलएम से जुड़े सभी एसजीएच विक्रेताओं को अपने व्यवसाय को ऑनलाइन बढ़ाने में लाभ और मार्गदर्शन मिलेगा।

श्री सिंह ने यह भी कहा कि डीएवाई-एनआरएलएम और जिओमार्ट के बीच यह साझेदारी एसएचजी दीदियों की आय बढ़ाने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों को आगे बढ़ाएगी। यह मिशन नियमित आधार पर एसएचजी की आय बढ़ाने के लिए काम कर रहा है और यह कदम इस दिशा में हमारी पहल को बढ़ाएगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा ने हितधारकों की सराहना करते हुए कहा कि मंत्रालय एसएचजी की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और जिओमार्ट के साथ यह साझेदारी इस दिशा में मददगार साबित होगी।

ग्रामीण विकास मंत्रालय में ग्रामीण आजीविका निदेशक श्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ने इस समझौते के प्रमुख उद्देश्यों का संक्षिप्त विवरण दिया और कहा कि एसएचजी की ताकत को अब राष्ट्र पहचाने लगा है और इसे स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की साझेदारी सरस (एसएआरएएस) जैसी विभिन्न विपणन पहल को भी मजबूत करेगी।

रिलायंस रिटेल लिमिटेड में सार्वजनिक नीति और नियामक के अध्यक्ष और प्रमुख डॉ. रवि प्रकाश गांधी ने इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एमओआरडी के साथ यह साझेदारी भविष्य में ऐसे कई उपयोगी समझौतों के लिए हमारा पहला कदम है। हम सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर दृढ़ता से विश्वास करते हैं। यह साझेदारी इस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। हमारा लक्ष्य देश में डिजिटल रिटेल इकोसिस्टम को बदलना है। इस सहयोग के माध्यम से हम लाखों एसएचजी के विकास को मजबूती और डिजिटलीकरण की सुविधा भी देना चाहते हैं। मुझे यकीन है कि यह पहल भारत में स्थानीय कारीगरों और छोटे व्यवसायों के जीवन को बदलने और उनकी आजीविका को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जिओमार्ट एसएचजी को मार्केटप्लेस पर अपने खाते को संचालित करने के लिए आवश्यक सेट-अप तैयार करने में भी मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, जिओमार्ट विक्रेताओं को पोर्टल पर बिक्री संबंधी कार्य करने मे सक्षम बनाने के लिए एमओआरडी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण और कार्यशालाओं में संयुक्त रूप से भाग लेगा। उन्होंने बताया कि निरंतर विकास और व्यावसायिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, जिओमार्ट एसएचजी विक्रेताओं को बाज़ार में अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करेगा और जिओमार्ट प्लेटफ़ॉर्म पर विभिन्न प्रकार के मार्केटिंग प्रमोशन में भाग लेने की भी पेशकश की जाएगी।

यह समझौता एमओआरडी के सरस संग्रह ब्रांड के तहत एसएचजी को जिओमार्ट पर लाएगा। इससे जिओमार्ट पर पारंपरिक वस्त्रों से लेकर रसोईघर का सामान, गृह सजावट और सौंदर्य उत्पादों तक हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद उपलब्ध होंगे ।