वाराणसी: वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट, वाराणसी, तथा आर्य महिला पीजी कॉलेज, वाराणसी, के मनोविज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक- काउंसलिंग फार टर्मिनल डिजीज इन स्पेशल रेफरेंस टू एचआईवी/ एड्स था इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ मनोज तिवारी (वरिष्ठ परामर्शदाता, ए.आर. टी. सेंटर, एस एस हास्पिटल, आईएमएस, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) ने परास्नातक की छात्राओं को संबोधित करते हुए एचआईवी/एड्स के इतिहास, एचआईवी /एड्स का परिचय, एचआईवी संक्रमण के माध्यम, एचआईवी 1 और एचआईवी 2 में अंतर तथा ऐसा जो व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो गया तो उसे अपने जीवन में क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए तथा उनके पूरे जीवन काल में आने वाली परिस्थितियों में प्रदान की जाने वाली परामर्श के बारे में विस्तार से बताया साथ ही काउंसलिंग किस तरह से उन्हें सहायता प्रदान करती है तथा यदि किसी पेशेंट को एचआईवी एड्स की दवाइयां दी जानी है तो उसका क्या प्रारूप है इत्यादि महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी।
अपने व्याख्यान में उन्होंने एचआईवी एड्स के लिए भारत सरकार की नीति के बारे में भी छात्राओं को जागरूक किया। मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय एवं स्वागत डॉ गरिमा गुप्ता (असिस्टेंट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, आर्य महिला पीजी कॉलेज, वाराणसी) व धन्यवाद ज्ञापन डॉ वेद प्रकाश रावत (एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट) ने किया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्राओं ने अपनी प्रतिभागिता किया एवं मुख्य वक्ता से विभिन्न प्रश्नों को पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की।