गाजर: फायदे हैं अनेक

सर्दियों में मिलने वाले गाजर का सेवन शायद ही कोई भारतीय हो जो न करता हो। इस मीठी और स्वादिष्ट सब्जी का सेवन ज्यादातर लोग करते हैं। यही वजह है कि इसका अनेक तरह से सेवन किया जाता है। कभी हलवा तो कभी खीर, कभी सलाद, तो कभी सब्जीै के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। हमारी रसाई में तो इसका इस्तेमाल अचार के रूप में भी किया जाता है। आइए जानते हैं इस स्वादिष्ट सब्जी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।

फायदे:

गाजर न सिर्फ मीठी और स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्व भी पाए जाते हैं। यही कारण है कि इसके सेवन से हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

  • गाजर में बीटा कैरोटीन नामक तत्व पाया जाता है। बीटा कैरोटीन एक शक्तिशाली एंटीआॅक्सिडेंट है। जब हम गाजर का सेवन करते हैं तो इसमें पाए जाने वाले बीटा कैरोटीन को हमारा शरीर विटामिन ए में बदल देता है। इस तरह हमें गाजर के सेवन से विटामिन ए प्राप्त होता है और हमारी त्वचा और आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।
  • गाजर के सेवन से हमारे मुंह में लार के स्त्राव में वृद्धि होती है, साथ ही हमारे शरीर में जरूरी मिनरल्स, विटामिंस और एंजाइम्स की आपूर्ति होती है। इससे हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ बना रहता है। नियमित रूप से गाजर खाने से गैस्ट्रिक अल्सर और पाचन संबंधी दूसरी परेशानियां के होने का खतरा कम हो जाता है।
  • गाजर अल्कलाइन एलिमेंट यानी क्षार तत्व का स्त्रोत होता है, जो हमारे रक्त को शुद्ध करता है।
  • इसमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो हमारे शरीर में हेल्दी सोडियम लेवल को बनाए रखता है। इससे हमारा बीपी लेवल नाॅर्मल बना रहता है।
  • गाजर खाने से हमारे मुंह में पाए जाने वाले हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं। इस तरह गाजर के सेवन से हमारे दांत स्वस्थ बने रहते हैं।
  • घाव, सूजन या कटी हुई त्वचा पर कसे हुए गाजर को रखने से घाव तेजी से भरते हैं और सूजन कम होती है।
  • गाजर में फैलकारिनाॅल सहित कई तरह के फाइटोन्यूट्रीएंट्स पाए जाते हैं, जो हमारे कोलोन को स्वस्थ बनाए रखते हैं। इस प्रकार कोलोन कैंसर के होने का खतरा कम हो जाता है।
  • गाजर में कैरोटेनाॅयड्स पाया जाता है, जो रक्त शकर्रा स्तर यानी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, इसमे अनेक तरह के कैरोटेनाॅयड्स होने की वजह से यह लंग्स कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, प्राॅस्टेट कैंसर और ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर से हमारा बचाव होता है।
  • गाजर में भरपूर मात्रा में घुलनशील रेशे यानी साॅल्यूबल फाइबर पाया जाता  है, जो हमारे शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्राॅल के स्तर को कम करता है और लाभदायक कोलेस्ट्राॅल के स्तर को बढ़ाता है। इससे रक्त का थक्का नहीं जमता और हृदय रोग से हमारा बचाव हो जाता है।
  • गाजर में पाए जाने वाले विटामिंस और मिनरल्स के कारण इसके सेवन से हमारे शरीर से सभी दूषित पदार्थ यानी टाॅक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। इतना ही नहीं, यह नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। इस तरह से हम स्वस्थ बने रहते हैं।

पोषक तत्वों की मात्रा:

एक कप यानी 122 ग्राम कटे हुए या कसे हुए गाजर में 113 प्रतिशत विटामिन ए, 20 प्रतिशत बायोटिन, 18 प्रतिशत विटामिन के, 14 प्रतिशत फाइबर, 14 प्रतिशत मौलिबेडनम, 11 प्रतिशत पोटैशियम, 10 प्रतिशत विटामिन सी, 10 प्रतिशत विटामिन बी6,  9 प्रतिशत मैंगनीज, 8 प्रतिशत विटामिन बी3, 7 प्रतिशत विटामिन बी1, 7 प्रतिशत पैनथेनिक एसिड, 6 प्रतिशत काॅपर, 6 प्रतिशत फाॅस्फोरस, 6 प्रतिशत फोलेट, 5 प्रतिशत विटामिन बी2 और 5 प्रतिशत विटामिन ई पाया जाता है।

इसके अलावा गाजर में थोड़ी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, जिंक, कैल्शियम, मैग्नेशियम और शर्करा भी पाया जाता है।

इन्हें भी जानें:

  • गाजर एक रूट वेजिटेबल है। इसका मतलब यह हुआ कि गाजर पौधे का जड़ है, जिसे हम सब्जी के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
  • इसका वनस्पतिक नाम डौकस केरोटा है।
  • गाजर संतरी रंग के अलावा, जामुनी, लाल, सफेद और पीले रंग का भी होता है।
  • जिस गाजर का इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में होता है उसका वास्तविक वास स्थान यानी नेटिव प्लेस मध्य व दक्षिणी-पश्चिमी एशिया और यूरोप है। यहीं से गाजर सारे विश्व में गया है।
  • एक परिपक्व गाजर में 88 प्रतिशत पानी होता है।
  • अत्यधिक मात्रा में गाजर का सेवन करने से कई बार हमारी त्वचा पीलापन लिए संतरी रंग यानी यलोइश आॅरेंज कलर की हो जाती है। इसे कैरोटेनेमिया कहते हैं।
  • पेट के कीड़ो को खत्म करने के लिए गाजर बेहद लाभदायक है अगर सुबह नाश्ते मे गाजर को पीस कर  खाली पेट खायेतो  पेट के कीड़ो कीड़ो से निजात पायी जा सकती हैं| यह न सिर्फ कीड़ो को मरता हैं बल्कि उन्हें दुबाराहोने से भी रोकता हैं|
  • गाजर का सूप भी डायरिया में बेहद फायदेमंद होता है।डायरिया के दौरान शरीर में हुई पोषक तत्वों जैसेसोडियम , पोटेशियम , फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के साथ ही गाजर का सूपइम्यूनिटी को मजबूत करता है।

सावधान रहे:

गर्भधारण के प्रारंभिक काल मे महिलाओ को गाजर के बीज का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकी इसके सेवन से गर्भपातका खतरा बढ़ सकता है।

मधुमेह के रोगियों को पक्की हुई गाजर नह खान चाहिए क्यूंकि उसमे चीनी की मात्रा कच्चे गाजर की तुलना मे खुद सेही बढ़ जाती है।