श्रीलंका गणराज्य के वरिष्ठ सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का पहला कार्यकारी प्रशिक्षण सत्र आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में सफलतापूर्वक पूरा हुआ

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा श्रीलंका के वरिष्ठ सिविल सेवकों के पहले बैच के लिए आयोजित विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम का कार्यकारी प्रशिक्षण सत्र आज नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यह कार्यक्रम 12 फरवरी 2024 से 17 फरवरी 2024 तक आयोजित किया गया था। इस आयोजन में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सचिव श्री अनुरा दिसानायके के नेतृत्व में श्रीलंका के चौदह वरिष्ठ सिविल सेवक अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें श्रीलंका के प्रमुख विभागों और मंत्रालयों जैसे प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. धर्मश्री कुमारतुंगा; श्री प्रदीप यशरत्ना, सचिव, लोक प्रशासन, गृह मंत्रालय, प्रांतीय परिषद और स्थानीय सरकार; श्री नालका कलुवेवे, महानिदेशक, श्रीलंका इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन (एसएलआईडीए) सहित अन्य विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम को मुख्य रूप से संबोधित किया। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सदस्य नीति आयोग, सदस्य लोक पाल, केंद्रीय सतर्कता आयोग के सचिव, क्षमता निर्माण आयोग के सचिव उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे, जिन्होंने अपने नेतृत्व के अनुभव साझा किए।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सचिव और श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख श्री अनुरा दिसानायके ने कहा कि नई दिल्ली के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में बातचीत से श्रीलंका को सीखने के परिप्रेक्ष्य में जानने और भारत की सर्वोत्तम कार्य प्रणलियों तथा सफलता की सीख को अपनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की संरचना के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव तथा राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक श्री वी श्रीनिवास ने कहा कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र और श्रीलंका के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन के बीच जुड़ाव सौहार्दपूर्ण व रचनात्मक था, जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्रम का सफल संचालन हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र आने वाले हफ्तों में श्रीलंका के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन के साथ एक संस्थागत सहयोग सुविधा स्थापित करने के लिए तैयार है। श्री वी श्रीनिवास ने कार्यक्रम के सफल संचालन में सहयोग के लिए विदेश मंत्रालय, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग और कार्यक्रम को संबोधित करने वाले भारत सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की व्यवस्था राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की समर्पित प्रशिक्षण टीम के अथक प्रयासों से पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए पी सिंह, सहयोगी पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा और सहयोगी पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. गजाला हसन तथा प्रशिक्षण सहायक श्री ब्रिजेश बिष्ट द्वारा की गई।