‘तेरी आवाज़ का जादू था या कोई और बात थी’

दिल्ली, देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज तथा काव्यपृष्टि के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित काव्य गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के साथ डॉ. वर्षा सिंह ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अर्चना सिंह ने अपने गीत-“श्रद्धा भक्ति भाव हो तो भगवान दिखाई देते हैं” सुनाकर सभी का मन मोह लिया, तो वहीं गुजरात से जुड़ी डॉ. रानी गुप्ता ने तरन्नुम के साथ – ओ साजन सलोने आ भी जाओ,राह देखती हैं आंखें हमारी सुनाकर काव्य संध्या को रसमय बना दिया।

देश के सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ने अपनी कविता “लड़की एक सयानी, नाम है उसका बत्तो रानी” सुना कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए तरुणा पुंडीर तरुनिल ने अपनी ग़ज़ल “यूं तो सुन रहे हो तुम लेकिन कहानी कुछ और है” सुनाया डाॅ वर्षा सिंह ने मौन के महत्व को बयां करती हुई कविता-” कोई ऐसे वैसे यूं ही मौन नहीं अपनाता है” सुनाया, तो वहीं डॉ. ममता श्रीवास्तव ने आवाज के जादू का बखान करते हुए -“ये तेरी मखमली आवाज का जादू है या कोई और बात है” गीत पेश कर सभी की वाहवाही बटोरी। हिंदी की गूंज के संयोजक तथा देश के जाने-माने साहित्यकार श्री नरेंद्र सिंह नीहार ने अपनी हास्य रचना-“फोनवा चारों धाम हो गया ” सुना सभी को वर्तमान परिवेश से जोड़ दिया।

कार्यक्रम में एनसीआरटी  दिल्ली से के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.नीलकंठ कुमार ने बहुत सुंदर रचना -” हार जानी चाहिए वो लड़ाई जो अपनों से हो” सुना कर परिवार में मैत्री भाव एवं सौजन्य बनाए रखने की प्रेरणा दी। लगभग दो घंटे चले कार्यक्रम में सभी ने अपनी-अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया ।विमला रस्तोगी, कोमलेन्द्र श्रीवास्तव, खेमेन्द्र सिंह चन्द्रावत,अमित सिंह आदि ने अपने संदेशों के माध्यम से कवि-कवयत्रियों का उत्साह वर्धन किया।