पेरिस ओलंपिक के नजदीक आने के साथ ही सरकार के महत्वाकांक्षी खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन (कीर्ति) कार्यक्रम को केंद्रीय युवा मामले एवं खेल और श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के नेतृत्व में नए सिरे से बढ़ावा मिलने वाला है। वह कल नई दिल्ली में इस पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले कीर्ति का पहला चरण इस साल 12 मार्च को चंडीगढ़ में शुरू किया गया था।
डॉ. मांडविया उस परियोजना पर जोर देंगे जिसका लक्ष्य सभी राज्यों को शामिल करके और जिले को मूल्यांकन की इकाई मानकर वित्त वर्ष 2024-25 में 20 लाख मूल्यांकन हासिल करना है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के व्यापक भागीदारी के जरिए देश के प्रत्येक बच्चे को खेल की सुविधा उपलब्ध कराने और अंततः खेलो इंडिया के विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रमों के माध्यम से उत्कृष्टता हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।
कीर्ति के पहले चरण में देश भर के 70 केंद्रों पर 3,62,683 पंजीकरण हुए, जिनमें से 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 51,000 मूल्यांकन किए गए। महाराष्ट्र और हरियाणा में सबसे अधिक क्रमशः 9168 और 4820 मूल्यांकन हुए हैं, ये दोनों राज्य हमेशा खेलो इंडिया मीट में अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। असम 4703 मूल्यांकन के साथ तीसरे स्थान पर है। महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों का मूल्यांकन 11 विषयों- तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन और कुश्ती में हुआ है। सबसे अधिक मूल्यांकन एथलेटिक्स (13804) और फुटबॉल (13483) में हुए हैं।
कीर्ति का लक्ष्य पूरे देश में साल भर में 20 लाख मूल्यांकन आयोजित करना है, ताकि अधिसूचित प्रतिभा मूल्यांकन केंद्रों के माध्यम से प्रतिभाओं की पहचान की जा सके। इस पैमाने पर प्रतिभाओं की पहचान और मूल्यांकन कार्यक्रम भारत में पहली बार हो रहा है। यह कार्यक्रम ऐसे समय में शुरू हुआ है, जब देश 2036 तक दुनिया के शीर्ष 10 खेल राष्ट्रों में और 2047 तक शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल होना चाहता है।
कीर्ति का यह एथलीट-केंद्रित कार्यक्रम सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अपनी पारदर्शी चयन पद्धति के कारण विशिष्ट है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किसी महत्वाकांक्षी खिलाड़ी की खेल संबंधी सूझ-बूझ का अनुमान लगाने के लिए किया जा रहा है।
कीर्ति कार्यक्रम के बारे में
कीर्ति (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) की परिकल्पना आधुनिक आईसीटी उपकरणों और दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित एक एकीकृत प्रतिभा पहचान वास्तुकला विकसित करने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य एक ही मंच पर जमीनी स्तर पर प्रतिभा पहचान की पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।
कीर्ति परियोजना की जड़ें एथलीट-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित हैं, जिसमें हर कदम पर प्रतिभा पहचान की प्रक्रिया को अधिक व्यापक और सुलभ बनाया गया है।
कीर्ति परियोजना अपने विकेन्द्रीकृत और क्षेत्र विशेष में प्रतिभा पहचान दृष्टिकोण के साथ खेलो इंडिया योजना के दोहरे उद्देश्यों अर्थात खेलों में उत्कृष्टता और खेलों में व्यापक भागीदारी को प्राप्त करने में मदद करेगी।