महिला उद्यमिता: समानता और अर्थव्यवस्था, दोनों के लिए जीत के अवसर

आगरा में आयोजित जी-20 सशक्तिकरण की पहली बैठक के पहले दिन महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा, “यदि आप अपना भविष्य ठीक करना चाहते हैं, यदि आप भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार रहना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि महिलाएं विचार-विमर्श के केंद्र में हों और महिलाएं आपके निर्णयों के भी केंद्र में रहें”

जी-20 सशक्तिकरण की पहली बैठक आगरा के ताज कन्वेंशन होटल में 11 और 12 फरवरी 2023 को आयोजित की जा रही है। शिखर सम्मेलन; रोडमैप व नीतियों को विकसित करने और समानता तथा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए साझा ताकतों को एक-साथ लाने का अवसर प्रदान कर रहा है। जी-20 सशक्तिकरण; व्यवसायों और सरकारों के बीच सर्वाधिक समावेशी और कार्रवाई-आधारित गठबंधन बनने का प्रयास करता है, ताकि जी-20 देशों में महिलाओं के नेतृत्व और सशक्तिकरण में तेजी लाई जा सके। भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत तीन प्रमुख क्षेत्र होंगे: “महिला उद्यमिता: समानता और अर्थव्यवस्था, दोनों के लिए जीत के अवसर”, “जमीनी स्तर सहित सभी स्तरों पर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी” तथा “शिक्षा – महिला सशक्तिकरण और कार्यबल में समान भागीदारी की कुंजी।”

‘जी-20 सशक्तिकरण’ की पहली बैठक जीवंत आगरा शहर में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के भव्य स्वागत के साथ शुरू हुई। हवाई अड्डे से लेकर बैठक स्थल तक के रास्ते में पूरे शहर के लोगों ने अपने हाथों में झंडा थामे उत्सव मनाया और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस बैठक के पहले दिन की शुरुआत आयुष मंत्रालय द्वारा सुबह के समय आयोजित योग सत्र से हुई, जिसका उद्देश्य शारीरिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर करने की दिशा में योग से होने वाले लाभों का प्रसार करना था।

इसके बाद अपरंपरागत भूमिकाओं में अग्रणी रहने वाली महिला हस्तियों के साथ नाश्ते का कार्यक्रम हुआ, जिसमें इन हस्तियों ने उन्हें पेश आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने की अपनी प्रेरणादायक कहानियों पर प्रकाश डाला। प्रतिनिधियों को राजस्थान से आनेवाली भारत की पहली एमबीए सरपंच सुश्री छवि राजावत ने संबोधित किया। इसके बाद खानपान के क्षेत्र से जुड़ी उद्यमी सुश्री चिकिता गुलाटी ने प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस सत्र में खुद भारत की कुछ बेहद सफल महिला उद्यमियों से उनकी दृढ़ संकल्पशक्ति के बारे में सुनने का अवसर मिला।

इसके उपरांत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडेय ने अपना स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में वैश्विक विकास दक्षिण के देशों की अगुवाई में होगा और भारत के पास महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और उनकी रचनात्मकता के प्रदर्शन के माध्यम से दक्षिणी दुनिया के देशों के नेतृत्व कौशल को प्रदर्शित करने की क्षमता है। पांडेय ने 36 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों में से 27 में जेंडर बजटिंग और साथ ही महिलाओं एवं पुरुषों को डिजिटल वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने वाले सदी के महान नवाचारों में से एक रहे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसे भारत की विभिन्न महिला-केन्द्रित पहल पर प्रकाश डाला।

महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि “यदि आप अपना भविष्य ठीक करना चाहते हैं, यदि आप भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार रहना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि महिलाएं विचार-विमर्श के केंद्र में हों और महिलाएं आपके निर्णयों के भी केंद्र में रहें।” उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि कैसे भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता इतिहास का एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने कहा कि भारत सभी के कल्याण के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इच्छुक है और ऐसा करते हुए वह सही अर्थों में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को प्रदर्शित करता है। उन्होंने विशेष रूप से भारत में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की प्रसार की कहानी पर जोर दिया, जमीनी स्तर पर महिलाओं के नेतृत्व के महत्व और हर महिला को बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एक लैंगिक समावेशन कोष के माध्यम से भारत में लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के प्रयासों, हर घर में शौचालय के निर्माण और मासिक धर्म के दौरान बरती जानी वाली स्वच्छता संबंधी प्रोटोकॉल की शुरुआत का भी हवाला दिया। 

अमिताभ कांत, जो कि जी-20 शेरपा हैं, ने अपने विशेष संबोधन में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि भारत ऐसे समय में किस तरह से जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है जब दुनिया मंदी के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन और जलवायु वित्त की आवश्यकता जैसी कई अन्‍य चुनौतियों का भी सामना कर रही है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक, परिणाम-उन्मुख और ठोस कार्रवाई-उन्मुख होगी। उन्होंने संकेत दिया कि भारत की विकास दर को और बढ़ाने के लिए महिलाओं की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना एवं उन्हें नेतृत्व संभालने वाले पदों पर बिठाना अत्‍यंत आवश्यक है। कांत ने भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को रेखांकित किया, जिससे महिलाएं और ज्‍यादा सशक्त हो रही हैं, जैसे कि जन धन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एवं इसके साथ ही एसएचजी को और ज्‍यादा बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाल ही में बजटीय प्रावधान करना। उन्होंने कहा कि जी-20 सशक्तिकरण पहल की सिफारिशों को राजनेताओं के प्रमुख घोषणापत्र में शामिल किया जा सकता है और यह भारत के महत्वाकांक्षी परिणामों के अनुरूप ही होगा।

जी-20 सशक्तिकरण की अध्‍यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने अपने भाषण में उद्यमिता, नेतृत्व और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं की प्रगति के एजेंडे को शामिल करने के विचार के बारे में विस्‍तार से बताया। जी-20 सशक्तिकरण पहल के तहत डिजिटल समावेश का उपयोग करते हुए इसे अगले स्तर पर ले जाया जाएगा और डिजिटल कौशल एवं धाराप्रवाह के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने भारत के नेतृत्व वाले दो प्लेटफॉर्मों पर प्रकाश डाला जो वैश्विक महिला सशक्तिकरण एजेंडे को नई गति दे सकते हैं। पहला, भारत सरकार, नैसकॉम फाउंडेशन और अन्य संस्‍थाओं द्वारा डिजिटल साक्षरता और भविष्य में कौशल बढ़ाने के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, और इसके साथ ही एक विशेष पाठ्यक्रम भी होगा जिसे भारत एवं पूरे विश्व में उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा। दूसरा, महिलाओं के लिए एक मार्गदर्शन (मेंटरशिप) प्लेटफॉर्म जिसे नीति आयोग के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है, और जिसे शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा।

अपने भाषण के समापन में डॉ. रेड्डी ने कहा, “अरबपति की नई परिभाषा के अनुसार अरबपति वह नहीं है जो एक अरब रुपये अर्जित कर लेता है, बल्कि अरबपति वह है जो एक अरब लोगों के जीवन पर सकारात्‍मक असर डालकर उन्‍हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।”