पूर्णाहुति हवन एवं भंडारा के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन

प्रमोद दीक्षित मलय

अतर्रा (बाँदा)। शिक्षक साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय के आवास पर उनकी माता जी स्वर्गीया श्रीमती रामबाई दीक्षित की वार्षिकी के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह भक्ति ज्ञान यज्ञ का समापन गत दिवस पूर्णाहुति हवन भंडारा एवं जवारा यात्रा के साथ सम्पन्न हुआ। कथा व्यास पं.श्री श्रीकृष्ण मिश्र शास्त्री जी की विद्वतापूर्ण मधुर रसमय वाणी से विभिन्न प्रसंगों का श्रवण कर श्रद्धालु श्रोता आनंदित हुए। कथा सप्ताह के दौरान ही पं. बाबूलाल दीक्षित के नाती प्रसून दीक्षित एवं देवेश दीक्षित का कर्णवेधन (कनछेदन) संस्कार भी किया गया। महिलाओं ने मंगल गीत गाते, लड्डू बताशे बांटे गये। 

          श्रीमन्नूलाल संस्कृत महाविद्यालय अतर्रा के सेवानिवृत्त प्राचार्य बाबूलाल दीक्षित की धर्मपत्नी श्रीमती रामबाई दीक्षित का स्वर्गवास गतवर्ष हो गया था। दिवंगत आत्मा की शांति एवं मोक्ष कामना के साथ उनकी वार्षिकी के अवसर पर चैत्र नवरात्र के शुभ दिनों में कथा परीक्षित सपत्नीक प्रमोद दीक्षित मलय एवं श्रीमती वंदना दीक्षित ने कथा श्रवण किया। प्रत्येक दिवस शताधिक श्रद्धालु श्रोता उपस्थित हो भगवान नारायण श्रीविष्णु के भक्ति, ज्ञान एवं योग विषयक विविध प्रसंग सुनकर भाव विभोर होते रहे। श्रद्धालुओं ने प्रतिदिन यथासामर्थ्य फल, पुष्प, वस्त्र, बर्तन, अन्न, बतासा एवं रुपये श्रीकृष्ण के बाल विग्रह पर भेंट करते रहे। पूर्णाहुति हवन एवं भंडारा के साथ कथा पूर्ण हुई। अगले दिन श्रीकृष्ण के विग्रह को विमान में विराज कर जवा एवं गेहूं के जवारा लेकर ढोल की थापों के साथ श्रीगौराबाबा धाम पहुंच कर श्रीकृष्ण के विग्रह का जव विहार करवा पूजा अर्चना कर भोग प्रसाद लगाया गया। वापसी में गुलाल उड़ाते एवं नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने भक्ति की धारा बहा दी। कथा सप्ताह की अवधि में रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी एवं श्रीमती उषा द्विवेदी, विनोद दीक्षित एवं राजकुमारी दीक्षित, प्रदीप दीक्षित एवं मंजू दीक्षित, रामनरेश शास्त्री एवं श्रीमती दिव्या द्विवेदी, चंद्रेश पांडेय एवं श्रीमती प्रतिभा पांडेय, बैजनाथ पांडेय एवं श्रीमती सुनैना पांडेय, दिनेश गौतम एवं श्रीमती गुड़िया गौतम, ज्ञानेन्द्र द्विवेदी एवं शिल्पी द्विवेदी आदि दम्पत्ति प्रतिदिन भगवान की सेवा में जुटे रहे। जितेन्द्र द्विवेदी, प्यारेलाल दीक्षित, लल्लूराम शुक्ल, शिवदत्त त्रिपाठी, बालकृष्ण बाजपेई, लवकुश उपाध्याय, केदारनाथ शुक्ला, शीतल प्रसाद त्रिवेदी, चंद्रमौलि मिश्र सहित तमाम भक्त नर-नारी आदि उपस्थित होते रहे। पं.श्री श्रीकृष्ण मिश्र शास्त्री जी द्वारा प्रतिदिन अपराह्न 3-6 बजे तक कथा प्रवचन किया गया, बृजबिहारी मिश्र जी ने मूल पाठ किया और उमेंद्र पांडेय जी जप साधना में संलग्न रहे। आरती एवं भोग प्रसाद वितरण में प्रसून दीक्षित, देवेश दीक्षित, संस्कृति दीक्षित, देवांश दीक्षित, अंशिका दीक्षित की सहभागिता रही। अक्षांश पांडेय, अंशुमान दीक्षित, मनु एवं मयंक ने सहयोग किया।