युवाओं के लिए कहर बन रहा है फैशन का असर

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

कुछ साल पहले जब लो वेस्ट जींस का नया-नया फैशन आया था, तो सपना रोज रोज लो वेस्ट जींस पहनने लगी थी। उसको तो जैसे लो वेस्ट जींस से प्यार हो गया था। उसने लो वेस्ट जींस का दामन तब तक नहीं छोड़ा जब तक कि उसे असहनीय पीड़ा नहीं होने लगी। हुआ यूं कि एक दिन अचानक उसे कमर में तेज दर्द होने लगा। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि उसे कमर में दर्द क्यों होने लगा? उसने आफिस में अपनी कुर्सी की जगह, अपने बैठने का पोस्चर आदि सब बदल दिया। योगा तक करने लगी। लेकिन दर्द से राहत न मिली. फिर वह एक बार डाक्टर के पास गई और ये सुनकर उसके पैरों तले जमीन निकल गई कि उसकी कमर दर्द की वजह उसकी चुस्त जींस है।
दरअसल शरीर से चिपक जाने वाली चुस्त जींस पहनने से कमर की नसें दब जाती हैं। ऐसी स्थिति को पैरेस्थेटिका कहते हैं। इससे जांघों में भयानक दर्द और सुन्नपन भी हो जाता है। इसलिए इस तरह के चुस्त कपड़े कभी कभी जानलेवा भी हो सकते हैं। आइए ऐसी ही कुछ और बातों के बारे में जानें जो कि हमारे लिए नुकसानदायक हैं।
मोबाइल पर बात करना
आज के समय में बढिया से बढिया मोबाइल लेकर चलना लोगों के लिए एक स्टेटस सिंबल सा बन गया है। बढिया होता कि ये क्रेज सिर्फ लोगों तक ही कायम रहता और आज की युवापीढ़ी इसका शिकार न बनती। मगर अफसोस मोबाइल तो अब युवाओं की शान बन गया है। अब ऐसा तो कम ही देखने को मिलता है कि किसी कालेज में पढने वाले छात्र के पास मोबाइल न हो। देखने वाली बात तो ये होती है कि सबसे अच्छा मोबाइल किसके पास है? खैर, अब ये शौक उन सबके लिए एक मीठा जहर बनता जा रहा है जो कि दिन भर मोबाइल पर बातें करते रहते हैं। क्यों कि अब कई शोधों में ये बात साफ हो चुकी है कि मोबाइल में ऐसी खातरनाक तरंगें होती हैं जो कि शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकती हैं। ये दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कानों में भी कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
कान में हेडफोन पर गाने सुनना-
इससे भी बड़ी खतरे की घंटी ये है कि अब लगभग सभी युवाओं के कानों में हेडफोन लगा होता है और वे उससे दिन भर गाने सुनते रहते हैं। इससे उनका ध्यान बाकी चीजों में जाता ही नहीं. बस में, आटो में, कक्षा में बोरियत से बचने के इस यंत्र ने युवाओं में अपने प्रति एक मोहजाल सा पैदा कर दिया है। कई बार तो सडक पर चलते समय भी ये लोग कानों में हेडफोन लगाए गाने सुनते रहते हैं और इन लोगों को गाडियों का हार्न तक सुनाई नहीं देता है। तो है न चलता फिरता खतरा।
खुले और चुस्त कपड़े –
हमेशा तन को ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए। ज्यादा से ज्यादा शरीर दिखाने केे चक्कर में लड़कियां अपनी स्वास्थ्य के लिए बीमारियों को निमंत्रण दे बैठती हैं खासकर कमर दिखाने के चक्कर में। कमर का ऊपरी भाग दिखाने से फाइब्रोमाइलेगिया होने का डर रहता है। इस स्थिति में मांस पेशियां और लिगामेंट्स में असहनीय दर्द होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए दवाइयों और फिजियोथैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप चुस्त कपड़े पहनते हैं, तो कई प्रकार का संक्रमण होने का भी खतरा बना रहता है क्यों कि शरीर में जो पसीना होता है वह सूख नहीं पाता है और जगह-जगह जम जाता है। मोटे पोलिस्टर का कपड़ा भी न पहनें. उनसे भी पसीना नहीं सूख पाता है।
ऊंची हील-
लंबा कौन नहीं दिखना चाहता? मगर लंबा दिखने के लिए हील का सहारा लेना कभी कभी नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। इससे पैरों की हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। एड़ी में चमक पड़ सकती है या फिर फै्रक्चर हो सकता है। तो जब भी आप अपने लिए जूते या सैण्डल लेने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि वे आप के पैरों में एकदम फिट हों। न ज्यादा छोटे हों और न ही ज्यादा बड़े। ज्यादा चुस्त जूते पहनने से अंगूठों में चोट लग सकती है। अगर आप को कमर या गर्दन दर्द की शिकायत है तो ऊंची हील से तौबा कर लें।
धूप का चश्मा-
धूप का चश्मा पहनने से आप का व्यक्तित्व तो निखर जाता है। लेकिन इसका ख्याल रखें कि आप का चश्मा कितनी मात्रा में आप की आंखों को अल्ट्रावायलट किरणों से बचाएगा? चश्मा खरीदने से पहले लेबल पर ध्यान दें और हमेशा बेहतर गुणवत्ता का ही चश्मा खरीदना चाहिए।
टैटू और पियर्सिंग-
आजकल स्टार्स की देखा देखी हर कोई अपने शरीर में पियर्सिंग करा रहा है या टैटू बनवा रहा है, जिसे बाडी आर्ट के नाम से जाना जाता है। बाडी आर्ट के नाम पर होंठ जीभ पेट की नाभि में भी पियर्सिंग जोर शोर से कराई जाती है। खैर भौंहों, होंठों व जीभ में पियर्सिंग कराना फैशनेबल तो है लेकिन कई बीमारियों का घर भी है। इनसे केलोइड्स की समस्या उत्पन्न हो जाती है। शरीर के जिस भाग में पियर्सिंग होती है या टैटू बनाया जाता है, वहां की त्वचा में एक निशान बन जाता है। उसे केलोइड कहते हैं जो कि निरंतर बढ़ता जाता है। देखने में तो ये भद्दा लगता ही है साथ ही कई बीमारियों को न्यौता भी देता है। इससे कभी-कभी कैंसर भी हो सकता है।
बालों में डाई या कलरिंग
बालों में डाई या कलर आदि ध्यान से लगाएं. इनसे सिर की जड़ में संक्रमण हो सकता है। मेहंदी का इस्तेमाल उचित होता है। यहां तक कि काली मेहंदी भी बालों के लिए हानिकारक हो सकती है।
कानों में बड़े कुडंल
कानों में बड़े-बड़े कुडंल पहनने से चौहरे की रौनक देखते ही बनती है और देखने में भी ये बहुत अच्छे लगते हैं। लेकिन इससे कान का छेद बढ़ता चला जाता है और फिर पूरा कान ही कट जाता है जिससे राहत पाने के लिए सर्जरी करानी पड़ती है।
गर्भवती महिलाओं को ढ़ील ढ़ाल कपड़े पहनने चाहिए-
गर्भवती महिलाओं को तो ढ़ीले ढ़ाले कपड़े ही पहनने चाहिए। चुस्त कपड़े पहनने से पेट पर दबाव पड़ता है और घबराहट भी होने लगती है. संक्रमण होने की संभावना भी बढ़ जाती है क्यों कि शरीर का पसीना पूरी तरह से सूख नहीं पाता है।
कठोर साबुन
कोई भी साबुन खरीदने से पहले उसका पीएच देख लें और वही साबुन खरीदें जिसका पीएच 5-6 हो क्यों कि जितना अधिक पीएच होगा वह साबुन उतना ही कठोर होगा. कठोर साबुन इस्तेमाल करने से त्वचा को बचाने वाली परत को नुकसान पहुंचता है और त्वचा बेहद रूखी हो जाती है।