केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण भारत की स्वदेशी क्षमताओं की पुनरावृत्ति और विक्रम साराभाई के सपने की पुष्टि है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कल कि चंद्रयान -3 का सफल प्रक्षेपण भारत की स्वदेशी क्षमताओं को दोहराता है और यह उस सपने को सच साबित करता है जो विक्रम साराभाई ने छह दशक पहले देखा था।

इस सफल प्रक्षेपण (लॉन्च) के बाद श्रीहरिकोटा में अपने सम्बोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह विक्रम साराभाई के सपने की भी पुष्टि है, जिनके पास संसाधनों की कमी हो सकती थी  लेकिन आत्मविश्वास की कमी नहीं थी क्योंकि उन्हें स्वयं पर और भारत की अंतर्निहित क्षमता और अंतर्निहित कौशल पर विश्वास था।

उन्होंने कहा कि “यह प्रक्षेपण भारत की क्षमता और कौशल में इस विश्वास की ही पुष्टि है।”

भारत को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो (आईएसआरओ) को धन्यवाद देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्रीहरिकोटा के द्वार खोलकर और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सक्षम करके इसे संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि “आकाश की कोई सीमा नहीं है” और अब प्रधानमंत्री के शब्दों पर खरा उतरते हुए, चंद्रयान -3 आज ब्रह्मांड के अज्ञात क्षितिजों की खोज करने के लिए आकाश की सीमा से परे चला गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने काव्यात्मक पंक्तियाँ गुनगुनाते हुए कहा कि “यह भारत के लिए गौरव का क्षण है और श्रीहरिकोटा में हम सभी के लिए उस भाग्य का क्षण है जो इस इतिहास को रचने का हिस्सा हैं।”

अपने सम्बोधन के समापन वाक्य में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “इस अमृतकाल के अगले 25 वर्षों में प्रवेश करने के साथ ही भारतमाता अब 21वीं सदी के उभरते विश्व परिदृश्य में अग्रणी वैश्विक भूमिका निभाने का संकल्प लेती है।”

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने से एक ऐसा इकोसिस्‍टम बनाने में सहायता मिली है जो सभी परिसंपत्तियों और संसाधनों को एकत्रित करने में सक्षम बनाने के साथ ही ज्ञान और धन के समन्वयन को भी सक्षम बनाता है।” उन्होंने आगे कहा कि यहां तक ​​कि चंद्रयान-3 मिशन में भी उद्योग जगत का बहुत बड़ा योगदान है।

इससे पहले एलएमवी 3 एम 4 रॉकेट ने कल दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी),  एसएचएआर, श्रीहरिकोटा के दूसरे प्रक्षेपण (लॉन्च) पैड से उड़ान भरी और चंद्रयान -3 को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रक्षेपित किया। चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की यात्रा शुरू कर दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि अंतरिक्ष यान की स्थिति पूरी तरह से सामान्य है।