पर्यावरण, महासागर और मत्स्य पालन के लिए यूरोपीय कमिशनर श्री वर्जिनिजस सिंकेविसियस के नेतृत्व में यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल नई दिल्ली में भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान, मत्स्य पालन और जलीय कृषि पर विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई।
यूरोपीय संघ के अनुरोध पर, दोनों पक्ष पोर्ट स्टेट मेजर एग्रीमेंट, विश्व व्यापार संगठन में मत्स्य पालन सब्सिडी से जुड़े मुद्दों, इंडियन ओशन ट्यूना कमिशन (आईओटीसी), ‘महासागर और मत्स्य पालन संवाद’, आईयूयू फिशिंग और मत्स्य पालन मुद्दे पर गठित होने वाले प्रस्तावित संयुक्त कार्य समूह के ढांचे के भीतर बाजार पहुंच से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों पर द्विपक्षीय रूप से जुड़ने पर सहमत हुए।
भारतीय पक्ष ने यूरोपीय संघ के सीमा निरीक्षण चौकी पर भारतीय खेती वाले झींगा के निरीक्षण के लिए नमूना आवृत्ति को 50 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से घटाकर 10 प्रतिशत के पिछले स्तर तक कम करने, डी-लिस्टिंग को फिर से सूचीबद्ध करने, मत्स्य पालन प्रतिष्ठानों, और भारत से यूरोपीय संघ को जलीय कृषि झींगा के निर्यात के लिए नए सूचीबद्ध मत्स्य प्रतिष्ठानों को अनुमति दिए जाने से संबंधित मामलों पर यूरोपीय संघ का ध्यान आकर्षित किया।
इसके अलावा, मई 2021 में भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों को दिए गए निमंत्रण के अनुसरण में यूरोपीय संघ पक्ष से इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) के किसी भी स्तंभ में शामिल होने का भी अनुरोध किया गया था।
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विदेश मंत्रालय और भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।