लेखन में चित्रात्मकता, लय-प्रवाह एवं सरलता आवश्यक : प्रमोद दीक्षित

-शैक्षिक संवाद मंच की लेखन संवाद कार्यशाला संपन्न-

अतर्रा (बांदा)। लेख पाठक के लिए लिखा जाता है। इसलिए इसका सरस, सरल और प्रवाहमय होना आवश्यक है ताकि पाठक जब पढ़ना आरम्भ करें तो उसके समक्ष घटनाओं का चित्र उपस्थित होने लगे और वह मंत्रमुग्ध होकर पढ़ता चला जाये। तथ्यों की प्रामाणिकता और भाषायी शुद्धता लेख को लोकप्रिय और सहज स्वीकार्य बना देती है। 

 जानकारी देते हुए शिक्षक साहित्यकार दुर्गेश्वर राय ने बताया कि उक्त उद्गार मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद दीक्षित ‘मलय’ ने शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा पुस्तक प्रकाशन योजना के अंर्तगत गत दिवस आयोजित ऑनलाइन लेखन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित रचनाकारों के सम्मुख  व्यक्त किये। 

 संवाद करते हुए प्रमोद दीक्षित ने लेखन के सभी पहलुओं पर रचनाकारों का मार्गदर्शन किया। शीर्षक की महत्ता बताते हुए कहा कि शीर्षक संक्षिप्त और उत्सुकता बढ़ाने वाला होना चहिए। ऐसे शीर्षक से बचना चाहिए जो लेख की विषयवस्तु को बिल्कुल स्पष्ट करने वाले और बड़े हों। लेख की भाषायी शुद्धता पर जोर देते हुए अनुस्वार, अनुनासिक, अर्धविराम, पूर्णविराम, संबोधन चिह्न, उद्धरण चिह्न आदि के नियमों को विस्तारपूर्वक समझाया। लेख में वाक्य छोटे होने चाहिए ताकि पाठक के लिए अर्थबोध सहज ग्राह्य बन सके। शब्दों, भावों और विचारों के दुहराव से बचना चाहिए जिससे पाठक न ऊबे। तथ्यों का अपुष्ट होना, स्वयं की अत्यधिक चर्चा करना ऐसे नकारात्मक पहलू हैं जो लेख को कमतर और प्रवाह बाधित करते हैं। लेख का आकार पूर्व निश्चित करके तदनुरूप लेख को आकार दें।। लेख लिखने हेतु कम से कम चार चरणों की योजना बनाना चाहिए। पहले चरण में तथ्यों और सूचनाओं का संग्रहण, दूसरे चरण में कच्चा लेखन, तीसरे चरण में स्वयं द्वारा परिमार्जन, संशोधन एवं परिवर्धन और चौथे चरण में किसी साहित्यकार से परामर्श पश्चात लेख को अंतिम रूप देना चाहिए।

 यात्रा वृत्तांत की महत्ता को रेखांकित करते हुए आपने अवलोकन को अति महत्वपूर्ण बताया। लेख सूचना मात्र न रहे बल्कि उसमे भ्रमण स्थल के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, खानपान, रहन सहन आदि का यथोचित वर्णन आवश्यक है। स्थलों का सम्बन्धित कालखण्ड में प्रयुक्त नाम ही प्रयोग करें। लिखने के लिए पढ़ने पर जोर देते हुए अपने कहा कि एक अच्छा पाठक ही एक अच्छा लेखक हो सकता है।

   इस आनलाइन यात्रा वृत्तांत लेखन संवाद कार्यक्रम में जयंती कुंडु, स्मृति दीक्षित, सुधा रानी, दीप्ति राय, हरियाली श्रीवास्तवा, दुर्गेश्वर राय, अभिलाषा, सीमा मिश्रा, सुनीता वर्मा, विवेक पाठक, प्रेमनाथ नागर, वंदना यादव, रिंपू सिंह, अशोक प्रियदर्शी, दीपक गुप्ता, संतोष कुशवाहा, कुमुद, अनीता मिश्रा, श्रुति त्रिपाठी, रश्मि मिश्रा, कंचन बाला, मंजू वर्मा, माधुरी त्रिपाठी, अनिल राजभर, प्रतिमा यादव, डॉ सुमन गुप्ता, अमिता सचान, रश्मि तिवारी एवं मीरा रविकुल आदि रचनाकारों ने प्रतिभाग किया।

प्रमोद दीक्षित मलय शिक्षक, बाँदा (उ.प्र.)
प्रमोद दीक्षित मलय
शिक्षक, बाँदा (उ.प्र.)