विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, विभाजन के पीड़ितों को याद करता हैः” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी


“हमारे राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करते हुए शांति और सद्भाव बनाए रखने का दिवस”

राष्ट्र आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन पीड़ितों को याद किया, जिनकी देश के विभाजन के दौरान मौत हो गई थी। श्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन लोगों के संघर्षों को याद किया, जिन्हें अपने घरों को छोड़ना पड़ा था। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा;

“विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।”

केंद्रीय आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी ने आज यहां संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विभाजन की त्रासदी का सामना करने वाले 75 महान व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस सुनिश्चित करेगा कि आने वाली पीढ़ियां उस समय में हुए सांप्रदायिक तनाव (नफरत और हिंसा) के कारण विस्थापित हुए अनगिनत लोगों और अपनी जान गंवाने वाले लाखों लोगों के दर्द और पीड़ा को कभी न भूल पाएं।

दुखद विभाजन के दौरान लोगों की मौत और विस्थापन की अकल्पनीय पीड़ा को याद करते हुए, मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार लोगों की गलत नीतियों के कारण भारत का विभाजन हुआ। उन्होंने आगे कहा कि मेरे माता-पिता इस सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी की विभीषिका के शिकार हुए थे। 1952 में जन्म के बाद, मैं यह सुनते हुए बड़ा हुआ कि कैसे मेरे पिता आश्चर्यजनक रूप से नरसंहार से बच निकले थे और लाहौर से आखिरी फ्रंटियर मेल में सवार हुए थे। मेरे माता-पिता और परिवार के कई अन्य सदस्यों को अपना जीवन शून्य से शुरू करना पड़ा। इसके अलावा, उन्होंने उस विभीषिका के पीड़ितों और उस साहस को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसके कारण वे दुखद यादों को भूल पाए।

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इस अवसर पर श्री हरदीप एस. पुरी ने श्री राकेश सिन्हा, संसद सदस्य के साथ विभाजन की विभीषिका पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। विभाजन संग्रहालय, आईजीएनसीए और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्री हरदीप एस. पुरी ने 1947 के विभाजन की त्रासदी झेलने वाले लोगों को संबोधित किया।