गणेश वंदना

ॐ गणपतये नमोनमः ,कह
हर काज सब संवारते,
हे गौरी-नन्दन प्रथम वंदन,
कर तुम्हें पुकारते |

पृथ्वी-सा माँ को मान जो
उनको न बिसारते |
हे गौरी नन्दन …………….

मोदक की भेंट पाके जो ,
स्नेह सब पर वारते |
मातृ-आज्ञा पालकर
जो विपु से न हारते |
हे गौरी नन्दन …………..

पुत्र-धर्म निभाके जो
गज का आनन धारते |
सृष्टि के रहस्यों को जो,
स्व-उदर में संभालते,
हे मूषधारी, लंबोदर,
तुम सबके विघ्न निवारते |
हे गौरी नन्दन …………….

भावना 'मिलन'
भावना ‘मिलन’ अरोड़ा
एडुकेशनिस्ट, लेखिका,
मोटिवेशनल स्पीकर
कालकाजी, नई दिल्ली