एनईएसटीएस (जनजातीय कार्य मंत्रालय) ने अमेज़न इंडिया और लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के सहयोग से ईएमआरएस  के लिए ‘अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम’ का दूसरा चरण का शुभारंभ किया

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) ने आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना में फैले 54 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में ‘अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम’ के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। दूसरे चरण में एडवांस्ड ब्लॉक प्रोग्रामिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पाठ्यक्रम शामिल होगा। सचिव (जनजातीय कार्य) श्री अनिल कुमार झा ने आज नई दिल्ली में तीन दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के साथ-साथ ईएमआरएस कोडर्स एक्सपो का उद्घाटन किया, जो पिछले शैक्षणिक वर्ष के दौरान ईएमआरएस की शीर्ष 20 कोडिंग परियोजनाओं की एक प्रदर्शनी है।

पिछले वर्ष के कार्यान्वयन के उत्साहजनक परिणामों के आधार पर, संशोधित मॉड्यूल एक विशिष्ट कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संबंधी पाठ्यक्रम पेश करेगा जो सीबीएसई कौशल शिक्षा के अनुरूप  है। यह कोडिंग, लॉजिकल सीक्वेंसिंग, लर्निंग लूप्स और ब्लॉक प्रोग्रामिंग में मौजूदा पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त होगा। जनजातीय छात्रों के कंप्यूटर विज्ञान और कोडिंग के वर्तमान अनुभव को ध्यान में रखते हुए 20 घंटे के मॉड्यूल का निर्माण किया गया है। कक्षा छह के छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान की बुनियादी बातें सिखाई जाएंगी, सातवीं कक्षा के छात्रों को विजुअल प्रोग्रामिंग की उन्नत अवधारणाओं से अवगत कराया जाएगा; आठवीं कक्षा के लिए एआई का इन्ट्रडक्टरी सत्र होगा; और कक्षा नौ एआई के मूल सिद्धांतों को सीखेगी। ग्रेड 10 के लिए, सीबीएसई कौशल पाठ्यक्रम के अनुरूप एआई मॉड्यूल शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में शुरू किया जाएगा।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम के प्रायोगिक चरण का शुभारंभ किया और उन्होंने कहा, “अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है कि आने वाली जनजातीय पीढ़ियां डिजिटल अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हो जाएं। अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम और एनईएसटीएस के बीच सहयोग, जनजातीय समुदायों के बीच मौजूद शैक्षणिक अंतर को पाटने की क्षमता रखता है, जिससे उभरती प्रौद्योगिकियों में उनके सफल करियर को सुनिश्चित किया जा सकता है।”

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सचिव (जनजातीय कार्य) श्री अनिल कुमार झा ने कहा कि भारत में 10 करोड़ से अधिक की जनजातीय आबादी है, जो कई मामलों में अभी भी आधुनिक शिक्षा तक पहुंचने के लिए भाषा और सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करती है। शिक्षण में इन बाधाओं को दूर करने से जनजातीय छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि  विशेष रूप से भारत में जनजातीय समुदायों के लिए, उनकी स्थानीय भाषाओं में शिक्षकों की क्षमता निर्माण, उन्हें बहुत उन्नत तरीके से पाठ्यक्रम प्रदान करने और जनजातीय छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करने में सशक्त बनाएगी। श्री झा ने ईएमआरएस शिक्षकों को अपने छात्रों को पूरे मन से कार्यक्रम में भाग लेने और कोडिंग व एआई की मुख्य बातें सीखने के लिए प्रेरित और ऊर्जावान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान शीर्ष तीन शिक्षकों और छात्रों को भी सम्मानित किया।

पिछले साल अमेज़न इंडिया और लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन (एलएलएफ) के सहयोग से शुरू किए गए प्रायोगिक चरण ने कंप्यूटर विज्ञान और ब्लॉक प्रोग्रामिंग मॉड्यूल के बुनियादी सिद्धांतों पर कक्षा छह से आठ तक के 7,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। जनजातीय छात्रों को लगातार बढ़ते तकनीकी परिदृश्य के लिए तैयार करने के लिए, यह आवश्यक है कि शिक्षकों को सही ज्ञान और संसाधनों से लैस किया जाए। चरण-I में आवधिक वर्चुअल सत्रों के बाद 2-दिवसीय क्षमता-निर्माण कार्यशाला के माध्यम से 50 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

इस कार्यक्रम में अमेज़न इंडिया के पब्लिक पॉलिसी के हेड (कंसयूमर ट्रस्ट) श्री नितिन सलूजा, लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन की मैनेजिंग।पार्टनर सुश्री नुरिया अंसारी और अन्य लोग भी उपस्थित थे।