शुरुआती चेतावनी को समझें, लापरवाही से बचें : किडनी को डैमेज होने से बचाएं

विनीता झा

 किडनी की समस्या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बड़ी चुनौती बनी हुई है। विश्व में किडनी रोगियों की संख्या लगभग 85 करोड़ है और हर साल 24 लाख लोगों की इससे मौत हो रही है। वहीं भारत में लगभग 10 में से हर एक व्यक्ति किडनी रोग से ग्रसित है और यह आंकड़े भारत के नेफ्रोलॉजिस्ट की संस्था इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन) के हैं, जिनसे भारत में किडनी के खतरनाक प्रभाव को समझा जा सकता है। कुछ और अध्ययनों की बात की जाए तो भारत में हर साल तकरीबन 2 लाख लोगों किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता ही नहीं लगता और किडनी फेल होने की वजह से मौत हो जाती है। इसीलिए किडनी की समस्या और लक्षणों व बचाव हेतु जानकारी बहुत आवश्यक है। 

इस साल विश्व किडनी दिवस 2023 की थीम है, किडनी हेल्थ फॉर ऑल। जो किडनी की बीमारी का जल्द पता लगाने, प्रभावी प्रबंधन और देखभाल के महत्व पर जोर देता है। किडनी हमारे शरीर में खून को साफ करने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाती है। यह हमारे शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है। किडनी को सुरक्षित रखना बहुत अहम हो जाता है, क्योंकि यह हमारे शरीर को सुरक्षित रखती है।  

धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर एंड सीनियर कंसलटेंट डॉ.एल के झा का कहना है कि यदि आपके पेशाब के रंग में बदलाव हो रहा है, पहले की अपेक्षा ज्यादा बार पेशाब हो रहा है या हाथ, पैर, चेहरे या आंखों के आसपास सूजन हो तो लापरवाही ना बरतें। इस प्रकार के लक्षणों को यदि आप अनदेखा करते हैं तो भविष्य में यह किडनी की गंभीर समस्या की तरफ बढ़ सकते हैं और ऐसे में देरी होने पर किडनी ज्यादा भी खराब हो सकती है और यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा किडनी खराब हो जाए तो फिर यह गंभीर स्थिति है।

यदि आपके शरीर में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दें जैसे रात में ज्यादा पेशाब होना, पेशाब के रंग में बदलाव होना, शरीर में हीमोग्लोबिन का कम हो जाना, अचानक से वजन का बढ़ना, शरीर में पैर, पेट, चेहरा व टखनों का सूज जाना, आंखों का सूजना, झागदार पेशाब आना, शरीर में थकान व दुर्बलता का होना, प्यास ज्यादा लगना, पेशाब करने में दर्द का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। यदि आप इस लक्षणों को अनदेखा न कर तुरंत डॉक्टर के पास जाते हैं, तो कुछ सामान्य जांचों के बाद जल्द ट्रीटमेंट शुरू हो जाता है और यह बीमारी बढ़ने से पहले ही डॉक्टर इस पर नियंत्रण पा लेते हैं। 

डॉ.सुदीप सिंह सचदेव, डायरेक्टर एंड सीनियर कंसलटेंट, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम बताया कि किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ खास बातों को ध्यान रखना आवश्यक है- हमें दिन में कम से कम 10 से 12 गिलास या लगभग 3 लीटर पानी पीना चाहिए, यदि हम गर्म पानी पिएं तो वह गुर्दे के लिए अच्छा होता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, हमें नमक का सेवन कम करना चाहिए, 1 दिन में 3 से 4 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, बाहर का खाना खाने से अच्छा है कि आप घर का ही बना भोजन लें, अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो समय पर दवाइयां लेते रहें, धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें, पेन किलर या दर्द की गोलियों का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए और वह भी डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए, इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करें, वजन को नियंत्रित रखें अभी आप किडनी की बीमारी से बच सकते हैं।

बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसलटेंट एंड चीफ ऑफ नेफ्रोलॉजी, डॉक्टर राजेश अग्रवाल ने किडनी को सुरक्षित रखने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने के साथ-साथ कुछ सावधानियां बरतने को लेकर कहा- आपको अपने खाने पीने की आदतों में भी बदलाव करना होगा आपको ऑयली फूड, जंक फूड, फास्ट फूड से दूरी बनाना होगा इसकी जगह आपको भोजन में हेल्दी फूड्स, प्रोटीन डाइट, होल ग्रेन और फाइबर बेस्ड फूड्स को जगह देना होगा। इसके अलावा आपको शराब जैसे अल्कोहल युक्त पदार्थों का सेवन बंद करना होगा। नियमित कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीएं, आप चाहें तो नींबू पानी, नारियल पानी, ताजे फलों के रस और सब्जियों का जूस पी सकते हैं। अपने भोजन में नमक की मात्रा को सीमित स्तर तक ही रखें एक दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए, क्योंकि सोडियम की अधिकता किडनी की समस्या पैदा करती है, साथ ही ये ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। रोजाना एक्सरसाइज करें, और यदि आपको किडनी की बीमारियों से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई तों बगैर देर किए तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें, तभी आप खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।

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