कथा-वीथिका-2023 का भव्य शुभारंभ

वाराणसी : संत अतुलानंद काॅन्वेंट स्कूल कोइराजपुर हरहुआ, वाराणसी में दिनांक 10.12.2023 को ”अदाकार थियेटर सोसाइटी“ के तत्वावधान में कथा-वीथिका -2023 (एनुअल लिटरेरी फेस्ट) के पहले दिन का जोरदार आगाज़ हुआ। इस  विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य की विभिन्न विधाओं को अपनी लेखनी से धन्य करने वाली वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. नीरजा माधव की गरिमामयी उपस्थिति से इंद्रधनुष सभागार साहित्यिक भाव एवं जोश से ऊर्जस्वित हो उठा। इस उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डी.पी.एस. वाराणसी के प्रधानाचार्य श्री मुकेश सहलत जी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। 

इस वीथिका की श्रृंखला में अनेक खूबसूरत रास्ते एवं नजारे थे, जैसे शेक्सपीयर स्ट्रीट, शास्त्री मोहल्ला, टैगोर की बाड़ी, कबीर चौराहा, चलो बी.एच.यू., प्रेमचन्द की दुनिया, घाट दर्शन एवं  हरिश्चंद्र की नगरी  विद्यार्थियों ने ऐसी सजायी जिसने एक-एक करके वाराणसी के सभी ख्यातिलब्ध साहित्यिक विभूतियों को उनके तत्कालीन परिवेश के साथ जीवंत कर दिया हो। विद्यार्थियों में सृजनात्मकता एवं नवोन्मेष विचार पद्धति को कला एवं साहित्य के माध्यम से प्रस्तुत करने वाले प्रसिद्ध कथाकार की वीथिका में प्रिंस राजपूत एवं निधि सहलत जी के साथ शुभम मिश्रा, गुनीत सिंह, हिम्मत सिंह ने अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति से कहानी सुनाकर दादी-नानी की याद दिला दी, जिसका बच्चों ने जमकर आनंद उठाया और उसके संदेश एवं जीवन मूल्यों को आत्मसात किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रॅाक बैन्ड ने अलग ही समा बांधा वहीं धन वैभव एवं  ऐश्वर्य की प्रतीक माँ सरस्वती, माँ दुर्गा एवं मां लक्ष्मी का अलौकिक सौन्दर्यं समेटे समूह नृत्य ने मंच पर शक्ति के विभिन्न रूपों को सजीव कर दिया। प्रेरणादायी समूह नृत्य ”माना कि मुश्किल है सफर में“ ने दर्शक दीर्घा में बैठे सभी दर्शकों में अपूर्व उत्साह का सृजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण दास्तान-गोई रहा। जिसमें श्री प्रिंस राजपूत ने ”मोहन से महात्मा“ कहानी के माध्यम से गाँधी जी के जीवन के अनकहे-अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला और ऐसे प्रेरणादायी तथ्यों को उद्घाटित किया जो कि जन-सामान्य के लिए आश्चर्य और कौतूहल जगाने वाली थी। 

संस्था सचिव राहुल सिंह जी बच्चों की मनमोहक मुस्कान से आह्लादित हुए एवं उन्होनें कहा कि यदि  मनुष्य के जीवन में बच्चों की तरह सरलता एवं निश्छलता बनी रहे तो जीवन में कोई समस्या नहीं रहेगी और यह संसार अपने सुन्दरम् रूप को प्राप्त कर सकेगा। 

मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस तरह के कथा-वाचन कौशल से बच्चों में साहित्य पढ़ने की ललक बढ़ेगी तथा मोबाइल फोन एवं सोशल मीडिया के कारण हमारी नयी पीढ़ी में जो पाठकीयता समाप्त हो रही है, साहित्य के माध्यम से ही उसका परिष्कार सम्भव है और बाल मन में जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए। 

संस्था की निदेशिका डाॅ. वन्दना सिंह जी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में संवेदना, अमूर्त चिन्तन एवं कल्पनाशीलता का विकास होता है, जो उनमें मनुष्यता के विकास के लिए अति आवश्यक है। विद्यालय की प्रधानाचार्या डाॅ. नीलम सिंह जी ने बताया है कि अपने उद्देश्यों को सार्थक करता हुआ यह कार्यक्रम दिनांक-11.12.2023 को अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा। इस वीथिका में संत अतुलानंद काॅन्वेंट स्कूल की दोनों शाखाओं से तीन हजार से भी अधिक बच्चे उत्साह पूर्वक प्रतिभाग कर रहे हैं।

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