40 के बाद भी बने रहे व्यायाम से जबां

क्या आप 40 की उम्र पार करने वाले हैं और इस बात से परेशान हैं कि आपकी फिटनेस दिन पर दिन खराब होती जा रही है? अक्सर लोग चालीस की उम्र आते-आते खुद को बुढ़ा मानना शुरू कर देते हैं और व्यायाम नहीं करते। यह एक ऐसी उम्र होती है जिसमें शरीर ढलना शुरू होता है और खूबसूरती भी जाती रहती है। लेकिन 40 की उम्र में फिट रहना बहुत जरुरी है, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में शरीर पर मोटापा बढ़ने लगता है और पाचन तंत्र भी कमजोर हो जाता है। यह उम्र का वो पड़ाव है, जिसमें आपको अपने शरीर पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। बुढ़ापे के निकट पहुंचे वयस्कों के अनुसार घर पर किए जाने वाले कुछ सरल व्यायाम निम्न हैं, जिन्हें व्यक्ति न्यूनतम उपकरणों जैसे एक स्थिर कुर्सी, एक व्यायाम बैंड और एक दीवार की सहायता से भी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि 40 की उम्र के बाद कौन-कौन सी एक्सरसाइज करेंः-
टहलें और जॉगिंग करें
बुजुर्ग लोगों में टहलना व्यायाम का सबसे लोकप्रिय रूप है। वैसे भी यह व्यायाम के बेहतरीन रूपों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसे हम बिना पैसा खर्च किए आसानी से कर सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से 20 मिनट लगातार तेज चल सकते हैं, तब आपको ‘वॉक-जॉग’ का प्रयास करना चाहिए। एक मिनट वॉक करें और एक मिनट जॉगिंग करें। जॉगिंग करने से हृदयवाहिनी यानी कार्डियोवस्कुलर सिस्टम और शरीर के निचले भाग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
दौड़ना भी है अच्छा व्यायाम
दौड़ना बेहतरीन व्यायाम है। यह फिट रहने के सबसे प्रभावी उपायों में से एक है। अगर आप अपनी युवावस्था से ही नियमित रूप से दौड़ते रहे हैं तो उम्र बढ़ने के साथ दौड़ना बंद न करें। जो लोग नियमित रूप से दौड़ते हैं, बाद में उनके मानसिक बीमारियों की चपेट में आने की आशंका 30 प्रतिशत कम हो जाती है।
लेग प्रेस
एक कुर्सी पर सीधा बैठें। अब अपने एक पैर को उठाएं और उस पैर पर इस व्यायाम बैंड़ को लपेटें और बैंड़ के दोनों कोनों को हाथ में पकड़ लें। अपने पैर को आराम से बाहर की ओर खींचे जब तक आपका घुटना पूरा सीधा नहीं हो जाता (अपने घुटनों के बीच की दूरी को बनाए रखें अथवा आपको चोट लग सकती है)। फिर धीरे-धीरे अपने पैर को वापस उसी मुद्रा में ले आएं लेकिन इस दौरान बैंड़ पर अपनी पकड़ को बनाए रखें। इस क्रिया को अपने दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।
बैठकर करें चेस्ट प्रेस
एक कुर्सी पर सीधा बैठें। अब इस बैंड़ को अपनी पीठ पर लपेटें और बैंड़ के दोनों कोनों को हाथों में पकड़ कर अपने हाथों को कांखों के बिलकुल नीचे रखें। अपने हाथों को बाहर की ओर खींचे जब तक कि आपकी कोहनी पूरी सीधी नहीं हो जाती। धीरे से अपने हाथों को अंदर की ओर लाएं जब तक कि आपके हाथ कांखों के बिलकुल नीचे वापस उसी मुद्रा में नहीं आ जाते।
क्रन्चस
एक कुर्सी पर सीधा बैठें। अपनी बांहों में बांहे ड़ालकर आराम से बैठें और अपने कंधों को कुर्सी से जोड़ते हुए पीछे की ओर झुकें। कुछ सेकंड़ों के लिए इस मुद्रा में बने रहें (याद रहे कि इस दौरान आप लगातार सांस लेते रहें) और फिर धीरे से वापस आप अपनी शुरुवाती मुद्रा में बैठ जाएं।
चेहरे का व्यायाम
चेहरे पर चमक बनाए रखने के लिए एक उम्र के बाद चेहरे के व्यायाम की भी जरूरत होती है। इसके लिए आप खुद को 10 मिनट का समय दें। व्यायाम का अभ्यास धीरे-धीरे करें। सीधी पीठ की कुर्सी पर सीधा बैठ जाएं और चेहरे का व्यायाम करें। मुंह में पानी भरकर गाल फुलाएं और पानी का कुल्ला जोर से फेंकें। इससे गाल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। गाल फुलाकर गहरी सांस लें और होंठों को दबाकर जोर लगाएं। ऐसा तीन से पांच बार करें। इससे भी गाल और होंठ की मांसपेशियां मजबूत होंगी। ऐसा ही व्यायाम करते वक्त आप अपने होंठों के कोनों को अपने दोनों हाथों की अंगुलियों से दबाए रखें, जिससे आपके होंठ के किनारे बढ़ेंगे नहीं। गाल फुलाकर हवा का गोला बाईं से दाईं तरफ घुमाएं। इससे गालों की मांसपेशियां मजबूत होंगी और मुंह के पास की सीधी रेखा में पड़ी झुर्रियां दूर होंगी।
(सुमित, स्पोर्ट फीट के इस्ट्रक्टर, वंसत कुंज, दिल्ली से बातचीत पर आधारित)

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

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