उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कृषि-बागवानी क्षेत्र का विकास

उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी) उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है। यह इस क्षेत्र के किसानों/उत्पादकों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य प्राप्त कराने के साथ-साथ क्षेत्र की कृषि, खरीद, प्रोसेसिंग और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में भी सहायता प्रदान करता है।

एनईआरएएमएसी ने अपने अम्‍ब्रेला ब्रांड ‘एन ई फ्रेश’ के तहत भी वर्ष 2023 में अनानास, एवोकैडो, काले चावल, काजू, बड़ी इलायची, दालचीनी और काली मिर्च आदि की 140 मीट्रिक टन से अधिक उपज खरीदी है। इसने ताजा अनानास और अन्य सब्जियों के लिए बाजार सम्‍पर्क भी प्रदान किया है। एनईआरएएमएसी के पास खुदरा क्षेत्र में 130 से अधिक उत्पादों की उत्पाद श्रृंखला है। लगभग 30 स्थानीय उद्यमी/एमएसएमई अपने प्रोसेस्‍ड उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए एनईआरएएमएसी से जुड़े हैं। खुदरा उत्पादों का विपणन सात शहरों/कस्बों में स्थित एनईआरएएमएसी के 12 स्टालों/खुदरा दुकानों के माध्यम से किया जाता है। इसमें कामाख्या और दीमापुर रेलवे स्टेशनों पर स्थित ‘एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसओपी)’ वाले दो स्टॉल भी शामिल हैं।

एनईआरएएमएसी ने जीआई टैग वाले उत्पादों के विपणन के लिए ‘एनईआरएएमएसी प्रीमियम’ ब्रांड भी लॉन्च किया है। एनईआरएएमएसी ने वर्ष के दौरान सभी 13 जीआई पंजीकृत कृषि-बागवानी उत्पादों के लिए उत्‍तर-पूर्व क्षेत्र (एनईआर) के 1308 किसानों को उपयोगकर्ता प्राधिकार पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। यह उत्‍तर-पूर्व क्षेत्र के कृषि-बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की “10,000 किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” योजना के तहत 15,500 किसानों को शामिल करते हुए पूरे उत्‍तर-पूर्व क्षेत्र (एनईआर) में 205 एफपीओ का गठन किया गया है।

एनईआरएएमएसी ने 17 कार्यक्रमों में भाग लिया/आयोजित किया और लगभग 2000 किसानों/उद्यमियों को कवर किया। वर्ष के दौरान, अगरतला में एनईआरएएमएसी का काजू प्रोसेसिंग प्‍लांट (सीपीपी) का पुनरूद्धार हुआ और इसने कार्य शुरू किया। बायर्निहाट, मेघालय स्थित एकीकृत अदरक प्रोसेसिंग प्‍लांट (आईजीपीपी) का भी पीपीपी मोड के तहत पुनरूद्धार किया गया।

उत्तर पूर्व बेंत और बांस विकास परिषद (एनईसीबीडीसी) ने असम के तीन जिलों में 900 हेक्टेयर में वृक्षारोपण पूरा किया, जिसके तहत 3.30 लाख पौधे लगाए गए और इससे 750 किसान लाभान्वित हुए।

एनईसीबीडीसी की मुख्य गतिविधियां क्षमता निर्माण, कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण हैं। इस अवधि के दौरान, एनईसीबीडीसी ने 21 प्रशिक्षण/कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए और 463 से अधिक व्यक्तियों को बेंत और बांस में प्रशिक्षित किया है।

पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी), उत्‍तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित नागालैंड के सोविमा गांव, दीमापुर में बांस आधारित शिल्प एकाग्रता केंद्र (परियोजना लागत 448.46 लाख रूपए) का कार्य पूरा हो गया और नगालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफ्यू रियो द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। 22 नवम्बर 2023 को  अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया। यह केंद्र घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए नागालैंड के पारंपरिक और आधुनिक हथकरघा और हस्तशिल्प पर ध्यान केंद्रित करेगा।

असम और मणिपुर के एनईसीबीडीसी क्लस्टरों के कारीगरों को लगभग 115 व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा किट भी वितरित किए गए हैं।

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