हिंदी की गूंज का कारवां नित नये कीर्तिमान रच रहा है – शकुन्तला मित्तल

विश्व स्तर पर गूंज रही हिन्दी की अनुगूंज

दिल्ली देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूँज ने विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी की अनुगूँज काव्य संध्या कार्यक्रम का आयोजन आभासी माध्यम से किया। जिसमें देश-विदेश से हिंदी प्रेमी, साहित्यकार एवं कवि- कवयित्रियों‌‌ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली के सुप्रसिद्ध संचालक  खेमेन्द्र सिंह चंद्रावत ने अपनी मधुर वाणी में मां वीणापाणि का आह्वान से किया। तत्पश्चात संस्था के संयोजक नरेंद्र सिंह नीहार द्वारा रचित राम भजन का प्रसारण किया गया जिसे स्वर दिया है मंजू शर्मा ने। भजन सुनते ही पूरा वातावरण राम मय हो गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ ममता श्रीवास्तव तथा डाॅ वर्षा सिंह ने किया।

हिन्दी भाषा का बखान करते हुए निर्मला जोशी ने कहा कि ‘ विश्व पटल पर हिंदी छाई हर भाषा से करे मिताई तो वहीं श्याम सुंदर श्रीवास्तव ने अपनी रचना -‘आई बैठ किरण के रथ पर स्वागत करतीं कलियां खिलकर’ सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। दिल्ली से जुड़ी डॉ प्रियंका सांकला ने कहा कि- अपनी धरा अपनी जड़े हैं हिंदी भाषा अपनी है’ तो वहीं भावना मिलन अरोरा ने कहा कि- ‘हिन्दी बोल चिरैया सी चहक रही सब ओर’ कार्यक्रम में जुड़े अंग्रेजी के शिक्षक विद्यासागर ने हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा है मान हमको अपनी भाषा पर है अभिमान।

डॉ वर्षा सिंह ने कहा- हिंदी हिंद की है पहचान आओ हिंदी जयकार करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ शकुंतला मित्तल ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी की गूंज ने जिस प्रकार कारवां बनाकर सबको जोड़कर हिंदी का परचम फहराया है उसके लिए बधाई। उन्होंने सभी के उत्साह के लिए बधाई देते हुए कहा-‘ कल-कल, छल-छल बहती अपनी हिंदी तो गौरव गाथा कहती। श्रोता के रूप में जुड़े गिरीशचंद्र जोशी,कामता प्रसाद, विमला रस्तोगी, रोचिका अरुण शर्मा,अर्णव सिंह, डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ मान सिंह रामकुमार पांडेय,उर्मिला रौतेला, सोनाली भारती आदि ने अपने संदेशों के माध्यम से सभी का उत्साह वर्धन किया। 

सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नरेंद्र सिंह नीहार ने कहा कि निश्चित तौर पर हिंदी भाषा को विश्व पटल पर अपना स्थान मिलेगा और कहा कि-  हिंदी की बिंदी लगेगी विश्व तेरे भाल पर।

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