उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय ने आज कोलकाता में उत्तर-पूर्व व्यापार एवं निवेश रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यक्रम बहुत ही सकारात्मक और पूरी संभावनाओं के साथ शुरू हुआ, इसने लोगों का महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया और इसमें पर्याप्त संख्या में लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री, श्री बी.एल. वर्मा सहित उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) और उत्तर-पूर्व राज्यों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए, उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा ने पिछले 09 वर्षों में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार से उत्तर-पूर्व विभिन्न क्षेत्रों में आगामी निवेश केंद्र के रूप में अनेक मील का पत्थर साबित करने के लिए तैयार है, जो व्यापार एवं वाणिज्य क्षेत्रों में महत्वपुर्ण अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस क्षेत्र का नाम ‘अष्टलक्ष्मी’ रखा है क्योंकि उनका उद्देश्य विकास के मार्ग पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाना है।
राज्यमंत्री श्री वर्मा ने कहा कि उत्तर-पूर्व में संपर्क माध्यमों में क्रांतिकारी बदलाव आया है और उत्तर-पूर्व राज्य अब सड़क, रेलवे, वायुमार्ग और डिजिटल रूप से जुड़ चुके हैं, जिससे संपर्क 17 परिचालन हवाई अड्डों और 20 जलमार्गों के माध्यम से और भी ज्यादा सुलभ हो चुकी है। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बिजली, संपर्क, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, वस्त्र, खेल और पर्यटन आदि क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं और निवेशकों को इन अवसरों की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां आना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उत्तर-पूर्व के सीमावर्ती गांवों को अब पहले गांवों के रूप में सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है जबकि पहले उन्हें देश का अंतिम गांव के रूप में देखा जाता था। उन्होंने ‘जीवंत गांवों’ की अवधारणा तैयार करने पर भी बल दिया, जहां केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से दौरा किया जाता है, इस प्रकार उनके पर्यटन एवं भौगोलिक लाभों पर ध्यान केंद्रीत करते हुए उनकी सामाजिक सांस्कृतिक संरचना को मजबूत बनाया जा सकता है। श्री बी.एल.वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 26 जनवरी, 2024 को इन गांवों की ग्राम पंचायतों के सरपंचों को भी आमंत्रित किया था।
श्री चंचल कुमार, सचिव, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र देश का विकास इंजन है। उन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति पर बल देते हुए कहा कि संपर्क इस विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाली एक प्रमुख शक्ति है और सड़कों, रेलवे, वायुमार्ग और डिजिटल संपर्क को शामिल करने के साथ यह आदगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि यह संपर्क भारत सरकार द्वारा इस क्षेत्र के सफल समाधान को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व में पर्यटन की संभावनाएं विकसित हुई है और यहां पर निजी क्षेत्र आतिथ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की कोई कमी नहीं है, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र और आईटी-सक्षम सेवाएं इस कुशल कार्यबल द्वारा विशेष रूप से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से इस क्षेत्र में पहला लाभकर्ता बनने का आग्रह किया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री अनुराधा एस. चगती ने इस क्षेत्र के अनुकूल भूमि-जनसंख्या अनुपात, समृद्ध जैव विविधता एवं अवसंरचना में वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय सहित केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा उत्तर-पूर्व में किए गए उल्लेखनीय निवेश पर प्रकाश डाला। विशेष रूप से, उन्होंने पीएम-डिवाइन पर बल दिया, जिसे अवसंरचना, सामाजिक विकास एवं आजीविका को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।
उन्होंने उत्तर-पूर्व क्षेत्र के संसाधनों का समृद्ध भंडार, प्रचुर रूप से जीवाश्म ईंधन, एक गतिशील एवं युवा कार्यबल पर बल दिया, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी रणनीतिक निकटता के कारण इसे एक अनिवार्य निवेश केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कृषि, संबद्ध, शिक्षा एवं कौशल विकास, और मनोरंजन तथा खेल आदि सहित संभावित निवेश के लिए प्रमुख क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया।
उत्तर-पूर्व राज्यों के सरकारी अधिकारियों, एनईडीएफआई, फिक्की (उद्योग भागीदार), और इन्वेस्ट इंडिया (निवेश सुविधा भागीदार) ने निवेशकों को इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संभावनाओं के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान की। प्रत्येक उत्तर-पूर्व राज्य ने अपने निवेश के अवसरों का प्रदर्शन करते हुए विस्तृत एवं आकर्षक प्रस्तुतियां प्रदान की। इस कार्यक्रम में निवेशकों, उद्योग जगत और उद्यमियों की सक्रिय भागीदारी प्राप्त हुई।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र के निवेश में अपनी गहरी रुचि व्यक्त करते हुए, 600 से ज्यादा प्रमुख कंपनियों ने निवेशक रोड शो में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र ने आसियान अर्थव्यवस्थाओं तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करने के साथ-साथ एक रणनीतिक स्थल प्रदान करता है, जहां पर व्यवसायों के लिए आकर्षक संभावनाएं मौजूद है। व्यापार में बढ़ोत्तरी को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने कर-मुक्तता, सब्सिडी और प्रतिपूर्ति सहित प्रोत्साहन की एक व्यापक श्रृंखला प्रदान की है। नई प्रौद्योगिकी केंद्रों और औद्योगिक पार्कों की स्थापना के साथ इस क्षेत्र में अवसंरचना में तीव्र विकास हो रहा है, इस प्रकार व्यवसायों की क्षमता का विस्तार हो रहा है और निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है। इस क्षेत्र के विभिन्न प्रमुख क्षेत्र निवेशकों के लिए अवसरों व्याप्क श्रृंखला प्रदान कर रहे हैं।
उत्तर-पूर्व में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सस्ती एवं उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की मांग करने वाले अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार क्षमता है। यह क्षेत्र अपनी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है और असाधारण आयुर्वेदिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा केंद्रों का हब है। असम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से कुशल जनशक्ति प्राप्त होती है जो कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए इस क्षेत्र को अनुकूल बनाती है। उत्तर-पूर्व कौशल विकास केंद्रों, विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी देशों की उच्च शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लोगों के लिए उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
यहां पर आईटी क्षेत्र को लाभकारी सरकारी नीतियों एवं कर छूट सहित अनेक प्रोत्साहनों का लाभ प्राप्त हो रहा है, जो आईटी कंपनियों को इस क्षेत्र में अपना केंद्र स्थापित करने के लिए आकर्षित करता है। सरकार का ध्यान इस क्षेत्र में खेल अवसंरचना एवं प्रशिक्षण सुविधाओं के विकास पर है जो यहां पर खेल क्षेत्र में निवेश के अवसरों को और ज्यादा बढ़ावा देता है।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस क्षेत्र की प्रगति बहुत महत्वपूर्ण है। सतत विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, सरकार इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण हेतु सक्रिय रूप से निवेश कर रही है। सरकार की कोशिशों में सहायता प्रदान करने के लिए, डोनर मंत्रालय ने इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में उत्तर-पूर्व निवेशक शिखर सम्मेलन की शुरुआत की है।
उत्तर-पूर्व निवेशक शिखर सम्मेलन के भाग के रूप में, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम एवं नागालैंड सहित क्षेत्र के विभिन्न राज्यों ने एक सफल गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया है। इससे पहले मुंबई एवं हैदराबाद में आयोजित हुए रोड शो में लोगों की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई, वाइब्रेंट गुजरात में संभावित निवेशकों की ओर से गहरी दिलचस्पी व्यक्त की गई। एक परिवर्तनकारी घटना के रूप में, कोलकाता में आयोजित रोड शो में कई बी2जी बैठकें आयोजित की गई, जिनमें उत्तर-पूर्व राज्यों जिनमें अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड शामिल हैं, में निवेश करने के लिए निवेशकों में रूचि उत्पन्न हुई है।