स्वस्थ शरीर से स्वस्थ परिवार एवं स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होगा—- कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। यदि शरीर स्वस्थ होगा तो ही व्यक्ति अपना, अपने परिवार का और राष्ट्र का विकास कर सकता है। खेलों से मनुष्य में ऐसी सामाजिक भावनायें पैदा होती हैं जो कि समाज तथा व्यक्ति के लिये महत्वपूर्ण है। खेल भावना तथा अनुशासन एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रत्येक खेल के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों का पालन करते हुए ही हम खेलकर जीतने का प्रयास करते हैं। अनुशासन हमारे जीवन को व्यवस्थित बनाता है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने 4 दिवसीय अन्तरसंकाय वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता 2023-24 में विभिन्न खेलों में विजेताओं को आप अपरान्ह 12:30 बजे योगसाधना केंद्र में पुरस्कार(प्रमाणपत्र एवं मेडल)वितरित करते हुए व्यक्त किया। कुलपति प्रो शर्मा ने कहा कि खेल से आपसी सामंजस्य, सामूहिकता एवं लक्ष्य प्राप्ति की भावना जागृत होती है।खेल को सदैव टीम भावना से खेलना चाहिए।