भारत सरकार के खान मंत्रालय ने खनन और खनिज प्रसंस्करण में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के अवसरों का पता लगाने के लिए खनन और धातु क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप, एमएसएमई और व्यक्तिगत नवाचारियों के लिए आज एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने वेबिनार का उद्घाटन किया। मुख्य भाषण खान सचिव श्री वीएल कान्ता राव ने दिया।
खान मंत्रालय ने नवंबर, 2023 में “स्टार्ट-अप में अनुसंधान और नवाचार संवर्धन तथा खनन, खनिज प्रसंस्करण, धातु विज्ञान और रिसाइक्लिंग क्षेत्र (एसएंडटी-पीआरआईएसएम) में एमएसएमई में अनुसंधान और नवाचार प्रोत्साहन” कार्यक्रम लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य खनन और औद्योगिक एप्लिकेशनों के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्ट अप तथा एमएसएमई में अनुसंधान और नवाचार को निधि उपलब्ध कराना है। आशा है कि इससे अनुसंधान और विकास तथा वाणिज्यीकरण के बीच अंतर कम होगा तथा खनन व खनिज क्षेत्र में एक पूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिए इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
एसएंडटी-पीआरआईएसएम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में स्वायत्त संस्था जवाहरलाल नेहरू एल्यूमिनियम अनुसंधान एवं डिजाइन केन्द्र, नागपुर है।
जेएनएआरडीडीसी द्वारा एसएंडटी-पीआरआईएसएम कार्यक्रम के अंतर्गत नए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं और समय सीमा 30 अप्रैल, 2024 निर्धारित की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के स्टार्टअप/एमएसएमई और महिला नेतृत्व वाले उद्यमों को प्राथमिकता दी जाती है।
वेबिनार में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें स्टार्टअप, विशेषज्ञ और उद्योग शामिल हैं।
प्रतिभागियों ने वेबिनार में खनन और खनिज प्रसंस्करण में नवीनतम रुझानों, चुनौतियों तथा अवसरों पर गहन चर्चा की। डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने एसएंडटी -पीआरआईएसएम के कामकाज और दिशानिर्देशों पर प्रस्तुति दी। अमितेश सिन्हा, हेड- कॉर्पोरेट वेंचर कैपिटल और वेदांता स्पार्क इनिशिएटिव्स तथा श्री रोहित पाठक, सीईओ और बिजनेस हेड, बिड़ला कॉपर, आदित्य बिड़ला ग्रुप ने खनन क्षेत्र में स्टार्टअप के साथ कार्य करने के बारे में अपने अनुभव साझा किए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे के प्रोफेसर असीम तिवारी ने खनन क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका के बारे में जानकारी दी।