केंद्रीय युवा मामले एवं खेल और श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कीर्ति (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद श्री मनोज तिवारी और सुश्री कमलजीत सहरावत, प्रख्यात खिलाडी, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई-साई) के वरिष्ठ अधिकारी और एमसीडी के स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
डॉ. मांडविया ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विविधता और संभावनाओं से भरा देश है। भारत में कभी भी बौद्धिक क्षमता, जनशक्ति या प्रतिभा की कमी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ शहर ही नहीं, बल्कि उत्तर-पूर्व, तटीय, हिमालयी और आदिवासी क्षेत्रों जैसे हमारे दूर-दराज के इलाकों में भी बेहतरीन खिलाड़ी हो सकते हैं। डॉ. मांडविया ने कहा कि कीर्ति का उद्देश्य इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पहचानना और उनके कौशल को विकसित करना है।
डॉ. मांडविया ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे जीवन में खेलों के महत्व पर बार-बार जोर दिया है। भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के दृष्टिकोण के साथ, सरकार ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पूरे दिल से मदद करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इस बारे में सरकार का केंद्रित दृष्टिकोण हाल के वर्षों में ओलंपिक सहित विभिन्न वैश्विक चैंपियनशिप में हमारे बढ़े हुए पदकों में परिलक्षित होता है। हमें इन उच्च प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की अनवरत धारा की आवश्यकता है और इसी दिशा में कीर्ति कार्यक्रम खेल उत्कृष्टता के लिए ठोस कदम है।”
कीर्ति कार्यक्रम के शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए हज़ारों युवा स्कूली बच्चों से बात करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, “आपमें से कोई न कोई जरूर ओलंपिक चैंपियन होगा। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आपके माता-पिता यहां आए हैं और आपको खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि एक दिन जब आप ओलंपिक पदक जीतेंगे, तो आप या आपके माता-पिता जेएलएन स्टेडियम में इस दिन को याद करेंगे।
डॉ. मांडविया ने बताया कि सरकार ने कीर्ति कार्यक्रम के तहत 100 दिनों के भीतर एक लाख उभरते युवा खिलाडियों की पहचान करने का फैसला किया है। उन्होंने आगे बताया कि कीर्ति कार्यक्रम के तहत सभी को अपने खेल कौशल विकसित करने के अवसर दिए जाएंगे, चाहे वे गांव में रहते हों या शहर में, और चाहे वो गरीब हो या अमीर।
आज के कार्यक्रम के साथ राष्ट्रव्यापी खेल प्रतिभा खोज की शुरुआत की गई, जो 2047 तक भारत को ओलंपिक खेलों में शीर्ष 5 देशों में से एक बनाने की दिशा में एक पहल साबित होगी। दिलचस्प बात यह है कि इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 117 खिलाडियों में से 28 खेलो इंडिया इकोसिस्टम से उभरे हैं।
कीर्ति के प्रतिभा पहचान मॉडल को आईटी उपकरणों और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग करके वैज्ञानिक रूप से योजनाबद्ध किया गया है। कीर्ति कार्यक्रम का उद्देश्य इस अंतर को पाटना और युवा नवोदित खिलाडियों को उनकी क्षमताओं के आधार पर करियर चुनने के लिए दिशा प्रदान करना है।
प्रोजेक्ट कीर्ति अपने विकेंद्रीकृत और क्षेत्र-आधारित प्रतिभा पहचान दृष्टिकोण के साथ खेलों में सामूहिक भागीदारी और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता है। कीर्ति कार्यक्रम की योजना 100 स्थानों पर 100 दिनों के भीतर एक लाख से अधिक बच्चों की खेल प्रतिभा का मूल्यांकन पूरा करने की है जो प्रतिभा पहचान और विकास में तेजी लाने और बाद में एक वर्ष के भीतर 20 लाख बच्चों का मूल्यांकन करने के लिए इस प्रक्रिया को तेज करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देता है।
दिल्ली में, भारतीय खेल प्राधिकरण दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सहयोग से कुल 12 क्षेत्रों में 25000 से अधिक एमसीडी छात्रों का कीर्ति मूल्यांकन करेगा। ये मूल्यांकन कुल 27 दिनों तक जारी रहेंगे और इसमें 5 प्रमुख विषयों यानी एथलेटिक्स, फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी और खो-खो को शामिल किया जाएगा।
दिल्ली नगर निगम ने 2022-23 में अपनी प्रायोगिक परियोजना में छह से दस वर्ष की आयु के एमसीडी छात्रों के लिए दिल्ली भर में विभिन्न खेल शिविरों का आयोजन किया था, जिसमें फुटबॉल, वॉलीबॉल आदि जैसे विभिन्न खेल शामिल रहे।
तीसरे चरण में, कीर्ति कार्यक्रम में कीर्ति के अंतर्गत खेलो इंडिया योजना के सभी 20 खेल शामिल होंगे। कीर्ति का पहला चरण इस साल 12 मार्च को चंडीगढ़ में लॉन्च किया गया था।