युग युगीन भारत संग्रहालय के लिए आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में 80 संस्थानों और 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के संग्रहालय पेशेवरों ने भाग लिया

संस्कृति मंत्रालय ने आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय के लिए तीन दिवसीय राज्य संग्रहालय सम्मेलन, हितधारक परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। इस संग्रहालय का निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में किया जा रहा है। यह राज्य सम्मेलन 1 से 3 अगस्त, 2024 तक आयोजित किया गया था, और इसमें निम्नलिखित मुख्य बातें शामिल थीं:

  • राज्य और केंद्रीय संग्रहालय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख हितधारकों के बीच जुड़ाव।
  • संग्रहालय प्रबंधन में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देने वाली पहल।
  • भारत और विदेश दोनों के विशेषज्ञों के नेतृत्व में क्षमता निर्माण।

राज्य संग्रहालय सम्मेलन में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी संग्रहालय पेशेवर एक मंच पर आए। तीन दिवसीय सम्मेलन में 80 से अधिक संस्थानों, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, 150 से अधिक प्रतिभागियों और विभिन्न विश्वविद्यालयों ने भाग लिया। सम्मेलन में संग्रहालय पारिस्थितिकी तंत्र के शीर्ष विद्वानों द्वारा मास्टर क्लासेस का आयोजन किया गया, जिसमें संग्रहालय प्रबंधन और संचालन के आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया। कुछ उल्लेखनीय सत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • फ्रांस संग्रहालय के वास्तुकार, श्री विंसेंट सॉलियर द्वारा “वास्तुकला और भौतिकता”
  • आईआईएच की डीन अकादमिक मामले, डॉ. मानवी सेठ द्वारा “संग्रहालय विज्ञान”
  • आईसीओएम-सीसी निर्देशिका बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती केट सेमोर द्वारा आईसीसीआरओएम के साथ गठबंधन में संरक्षण”,
  • राष्ट्रीय संग्रहालय के एडीजी श्री आशीष गोयल द्वारा “संग्रह, ललित कला प्रबंधन और ऋण”
  • संस्कृति मंत्रालय के उप‍सचिव श्री जीवन बच्छव द्वारा “संग्रहालय अनुदान योजना और संग्रहालय अधिनियम”
  • यूनेस्को, नई दिल्ली के निदेशक श्री टिम कर्टिस द्वारा “1970 यूनेस्को सम्मेलन”
  • आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर ए. दामोदरन द्वारा “संग्रहालय प्रबंधन”
  • डीएमबीजी सलाहकार की निदेशक श्रीमती गौरी कृष्णन द्वारा “क्यूरेशन और प्रदर्शनी डिजाइन”

राज्यों को अपने दो से तीन प्रमुख संस्थानों से अपने सर्वश्रेष्ठ संग्रह और अभ्यासों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इन प्रस्तुतियों का मूल्यांकन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया, और आलोचकों की पसंद और सहकर्मी समीक्षा के माध्यम द्वारा लोकप्रिय वोट के आधार पर प्रत्येक क्षेत्र से एक विजेता का चयन किया गया।

आलोचकों की पसंद के विजेता:

  • उत्तरी क्षेत्र: पंजाब का प्रतिनिधित्व सुश्री नीरू कटियाल गुप्ता ने किया
  • दक्षिणी क्षेत्र: आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व सुश्री जी वाणी मोहन ने किया
  • पूर्वी क्षेत्र: बिहार का प्रतिनिधित्व श्री राहुल गुप्ता ने किया
  • उत्तरी क्षेत्र: असम का प्रतिनिधित्व श्री अरिंदम बरुआ ने किया
  • पश्चिमी क्षेत्र: गुजरात का प्रतिनिधित्व डॉ. पंकज शर्मा ने किया

सहकर्मी समीक्षा के आधार पर लोकप्रिय पसंद के विजेता:

  • उत्तरी क्षेत्र: चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व सुश्री मेघा कुलकर्णी और सुश्री सीमा गेरा ने किया
  • दक्षिणी क्षेत्र: तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व श्री एन सुंदरराजन ने किया
  • पूर्वी क्षेत्र: छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व श्री विवेक आचार्य ने किया
  • उत्तरी क्षेत्र: मणिपुर का प्रतिनिधित्व सुश्री मृणाश्री मैरामबम ने किया
  • पश्चिमी क्षेत्र: राजस्थान का प्रतिनिधित्व श्री पंकज धीरेंद्र ने किया

इसके अलावा, विभिन्न विश्वविद्यालय संग्रहों द्वारा की गई प्रस्तुतियों में से एक विजेता का चयन किया गया। निर्णायक मंडल की पसंद इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ थी, और लोकप्रिय पसंद केरल यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी थी।

इस सम्मेलन का संस्कृति मंत्रालय द्वारा यह सुनिश्चित करने हेतु एक महत्वपूर्ण प्रयास है कि आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय में सभी संभावित हितधारकों को भागीदार के रूप में शामिल किया जाए। इस आयोजन ने मंत्रालय को राज्य संग्रहालय पारिस्थितिकी तंत्र में हस्तक्षेप के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने का एक सुअवसर भी प्रदान किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच पर्याप्त सहयोग को बढ़ावा मिला।

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