मिशन अस्पताल में शीघ्र होगा प्रशासन का कब्जा, मामले पर हाईकोर्ट का प्रबंधन को स्थगन आदेश से इंकार

बिलासपुर: जल्द ही नगर के सबसे पुराने मिशन अस्पताल पर जिला प्रशासन का कब्जा हो जाएगा। जिला प्रशासन ने मिशन अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर कब्जा सौपने का समय दिया है। लगातार छुट्टियों और त्योहार के कारण जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है। रक्षा बन्धन पर्व के बाद एक दिन पहले मियाद पूरी हो चुकी है।निगम द्वारा जारी बेदखली नोटिस पर नजर डालें तो गत दिवस सोमवार को तय समय सीमा का दिन आखिरी दिन था। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि अब किसी भी दिन मिशन अस्पताल परिसर पर जिला प्रशासन अपना कब्जा कर लेगा। वस्तुस्थिति का जायजा लेने कलेक्टर अवनीश शरण, निगम कमिश्नर अमित कुमार ने मिशन अस्पताल परिसर का मुआयना किया है। बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन की टीम मियाद खत्म होते ही अस्पताल पर कब्जा कर लेगी।

जानकारी देते चलें कि 15 अगस्त के पहले जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर मिशन अस्पताल परिसर को सात दिनों के भीतर खाली करने को कहा है। प्रशासन ने अस्पताल समेत परिसर को प्रशासन के हवाले किए जाने को कहा है। मियाद को खत्म होने में सिर्फ तीन चार दिन रह गए हैं। मामले प्रबंधन को हाईकोर्ट ने भी स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया है। कयास लगाया जा रहा हैकि रक्षा बंधन पर्व के बाद जिला प्रशासन मिशन अस्पताल और परिसर को अपने कब्जे में ले लेगा।कार्रवाई से पहले रविवार को कलेक्टर अवनीश शरण और निगम आयुक्त अमित कुमार वस्तुस्थिति का जायजा लेने मिशन अस्पताल परिसर पहुंचे। सुबह करीब साढ़े बजे पहुंचकर आधा घंटा से ज्यादा समय तक जायजा लिया।

इस दौरान दोनो अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया। पूछे जाने पर भी कलेक्टर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।बताते चलें कि मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई। आजादी के समय मिशन अस्पताल को लंबे समय के लिए लीज पर दिया गया। इस दौरान मिशन हॉस्पिटल में विभिन्न प्रकार के रोगियों की भर्ती की जाती रही थी एवं उनका इलाज किया जाता था । चूंकि अब लीज साल 2014 में खत्म हो चुकी है। लेकिन सन 2022 आते आते तक भी लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया। इसके बाद आनन फानन नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने साल 2024 में खारिज कर दिया है। इसके तुरंत बाद जिला प्रशासन मामले के निपटारे के लिए सक्रिय हो गया है।

बताते चलें की नजूल न्यायायलय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि लगातार छुट्टियों के कारण अब तक प्रशासन एक्शन नहीं ले पाया था। लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रक्षाबंधन पर्व के बाद मिशन अस्पताल को लेकर एवं वहां की व्यवस्था एवं अस्पताल परिसर के कब्जे के लिए शीघ्र कदम उठाया जा रहा है। इस तरह एकड़ों जमीन पर जिला प्रशासन का कब्जा हो जाएगा।इसके बाद शुरू होगी कब्जे की तैयारी।

निगम के हिस्से आएगी बेशकीमती जमीन

नगर निगम द्वारा मिशन अस्पताल परिसर पर कब्जा करने के बाद बेशकीमती जमीन उसे मिलेगी। शहर के हिसाब से मौके की जमीन पर व्यावसायिक काम्पलेक्स से लेकर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के हिसाब से इस जमीन का उपयोग कर सकती है। वैसे इतने पुराने स्थापित अस्पताल परिसर को मरीज के हित को देखते हुए प्रशासन अपने कस्टडी में लेकर इसे किसी अच्छे हॉस्पिटल के रूप में भी तब्दील कर सकती है जो ज्यादा समीचीन होगा।

परिसर को दिया किराए पर

मिशन अस्पताल प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि चैरेटी के लिए जिस जमीन को लीज पर दी गई है, वहां अस्पताल प्रबंधन ने किराए पर देकर धनोपार्जन कर रहा है। इसे लेकर भी जिला प्रशासन से शिकायत की गई है।

सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”
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