राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में हिन्दी भाषा/मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए हिन्दी ओलम्पियाड फाउण्डेशन का आयोजन

नई शिक्षा नीति के आधार पर वर्तमान समय में हिन्दी की उपयोगिता एवं साहित्य में इसके महत्व को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य: कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा

समस्त प्रतिभागियों को बहुत शुभकामनाएं साथ ही रचनात्मक व सकरात्मक रूप से आगे बढे: कुलपति प्रो.बी.एल.शर्मा

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के योग साधना केंद्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में हिन्दी भाषा/मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए हिन्दी ओलम्पियाड फाउण्डेशन का आयोजन कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा के अध्यक्षता में किया गया।

उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के आधार पर वर्तमान समय में हिन्दी की उपयोगिता एवं साहित्य में इसके महत्व को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य छात्र एवं छात्राओं में हिन्दी के प्रति जो अरुचि पैदा हो रही हैं उसी को ध्यान में रखते हुए अपनी मातृभाषा हिंदी को युवाओं में पुनः स्थापित करना है।

कुलपति प्रो.शर्मा ने कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार ओलंपियाड 2024 की स्थापना की गई हैं। उत्तर भारत के साथ-सम्पूर्ण भारत में हिंदी का प्रचार व प्रसार हो।

कार्यक्रम के निर्णायक मण्डल के सदस्य प्रो. रामपूजन पाण्डेय,अध्यक्ष, अध्यापक परिषद एवं प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, संकायाध्यक्ष, साहित्य संस्कृति संकाय के द्वारा उक्त कार्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया है:

रस्कार वितरण

  • प्रथम विजेता: तान्या श्रीवास्तव
  • द्वितीय विजेता: मातंगी प्रिया
  • तृतीय विजेता: हर्षराज मिश्र

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के द्वारा उक्त विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया तथा भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में*-दीप प्रज्वलन तथा मंचस्थ अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। प्रतिभागी छात्रों द्वारा वैदिक  मंगलाचरण व पौराणिक मंगलाचरण किया गया।

उक्त कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजक प्रो. श्रीमती विद्या कुमारी चंद्रा,सहायक आचार्य आधुनिक भाषा विज्ञान विभाग के द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो.जितेंद्र कुमार ने किया गया। प्रो.हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. अमित कुमार शुक्ल, प्रो.विधू द्विवेदी, प्रो.जितेंद्र कुमार शाही,डॉ. विशाखा शुक्ला, डॉ. पद्दमाकर मिश्र के साथ छात्र व छात्राएं अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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